दृष्टि आई इंस्टीट्यूट द्वारा ग्लूकोमा वॉकाथॉन का आयोजन

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  • डीजीपी अशोक कुमार ने ग्लूकोमा जागरूकता रैली को दी हरी झंडी

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून, 12 मार्च। रविवार 12 मार्च की सुबह तड़के ग्लूकोमा जागरूकता वॉकाथॉन का आयोजन किया गया, जिसे मुख्य अतिथि श्री अशोक कुमार, डीजीपी उत्तराखंड ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उनके साथ उनकी पत्नी डॉ अलकनंदा अशोक भी सम्मानित अतिथि थीं।

इस नेक अभियान में अपना समर्थन देने के लिए कई संगठन आगे आए। उनमें रोटरी ई-क्लब दून 3080 का प्रतिनिधित्व श्री विकास दीवान, श्री सुशांत आहुजा और श्री मोहित गोयल ने किया| एस. जे. ए. एल्युमनाई एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष श्री प्रवीण चंदोक ने किया| आर्ट ऑफ़ लिविंग का प्रतिनिधित्व श्री अनिल मिश्रा एवं श्रीमती अपर्णा मिश्रा ने किया और देहरादून क्लब मॉर्निंग टेनिस एसोसिएशन के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया ।

दृष्टि आई इंस्टीट्यूट ग्लूकोमा को लेकर आम जनता में जागरूकता प्रसार हेतु 12 से 18 मार्च 2023 तक जागरूकता सप्ताह आयोजित कर रहा है, जो कि स्थायी नेत्रहीनता के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अंतर्गत 13 से 18 मार्च 2023 तक समय 4:30 PM से 6:00 PM तक जानकारी व चेकअप निःशुल्क प्रदान किये जाएंगे ताकि जनसाधारण को इससे होने वाले अंधेपन से बचाया जा सके |

यह जागरूकता सप्ताह आँखों में होने वाली गंभीर बीमारी ग्लूकोमा(काला मोतियबिंद)के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए बहुत ही उपयोगी है| इसे “द साइलेंट थीफ़ ऑफ़ साइट” भी कहा जाता है क्योंकि यह कोई शुरुआती संकेत व लक्षण प्रकट नहीं करता है। इससे पीड़ित व्यक्ति के लिए अथवा 40 वर्ष की आयु के उपरांत या जो मधुमेह से पीड़ित हैं अथवा जिनका ग्लूकोमा का पारिवारिक इतिहास रहा है,यह महत्वपूर्ण है कि वे नियमित नेत्र जांच अवश्य करवाऐं |

डॉ शशांक गंधे, डॉ श्रुंतंजय दास, डॉ अमरदीप कौर, जैसे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति के कारण यह आयोजन एक बड़ी सफलता रही । दृष्टि के कर्मचारियों ने पोस्टर, बैनर व तख्तियों पर लिखे सदेशों व पर्चा वितरण के माध्यम से रैली के दौरान नागरिकों को ग्लूकोमा के बारे में शिक्षित व अवगत किया ।

अपने मिशन “अंधेरे से उजाले की ओर” के साथ दृष्टि फाउंडेशन नज़र के लिए घातक रोगों जैसे डायबिटिक रेटिनोपैथी, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के उपचार हेतु पूरे वर्ष सक्रिय रूप से विशेष आयोजनों जैसे नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर आदि को संयोजित करता रहा है |

डॉ. गौरव लूथरा ने बताया की नियमित जांच से शुरुवाती अवस्था में ग्लूकोमा की रोकथाम की जा सकती है, आगे अपने भाषण में उन्होंने दूर-दराज के क्षेत्रों के नागरिकों को लाभान्वित करने हेतु गुणवत्तापूर्ण नेत्र विशेषज्ञ परामर्श प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया | डॉ सौरभ लूथरा ने डायबिटीज और मोटे चश्मे वाले मरीजों को विशेष रूप से नियमित डाइलेटेड नेत्र जांच कराने की सलाह दी।