देखें वीडियो … मन की बात : पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सीमांत गांव माणा की महिलाओं द्वारा ‘भोज पत्र’ से निर्मित उत्पादों का किया जिक्र, सीएम धामी ने कहा थैंक्यू

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क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। मन की बात : पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सीमांत गांव माणा की महिलाओं द्वारा ‘भोज पत्र’ से निर्मित उत्पादों का किया जिक्र। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जनपद चमोली की नीती-माणा घाटी की महिलाओं द्वारा लिखे गए पत्र का जिक्र किया। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा देश के प्रथम गांव माणा में की गई अपील का ही परिणाम है कि आज यहां आने वाले तीर्थयात्री भोजपत्र के उत्पादों सहित अन्य स्थानीय उत्पादों को अच्छे दामों पर खरीद रहे हैं।

भोजपत्र देवभूमि उत्तराखण्ड की प्राचीन विरासत का हिस्सा है। हमारी सरकार प्रदेश की समस्त सांस्कृतिक विरासतों को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में निरन्तर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने पी.एम. स्वनिधि परिवार के साथ  सुनी प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में पी.एम. स्वनिधि परिवार के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मन की बात के 103 वें संस्करण को सुना।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की कुछ माताओं और बहनों ने जो पत्र उन्हें लिखे हैं, वो भावुक कर देने वाले हैं। उन्होंने अपने बेटे को, अपने भाई को, खूब सारा आशीर्वाद दिया है। उन्होंने लिखा है कि -‘उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर रहा ‘भोजपत्र’, उनकी आजीविका का साधन, बन सकता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें यह पत्र चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं ने लिखा है। ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में उन्हें भोजपत्र पर एक अनूठी कलाकृति भेंट की थी। यह उपहार पाकर वे बहुत अभिभूत हो गये। हमारे यहाँ प्राचीन काल से हमारे शास्त्र और ग्रंथ, इन्हीं भोजपत्रों पर सहेजे जाते रहे हैं। महाभारत भी इसी भोजपत्र पर लिखा गया था। आज, देवभूमि की ये महिलाएं, इस भोजपत्र से, बेहद ही सुंदर-सुंदर कलाकृतियाँ और स्मृति चिन्ह बना रही हैं। माणा गांव की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने उनके इस अभिनव प्रयास की सराहना की थी। उन्होंने देवभूमि आने वाले पर्यटकों से अपील की थी, कि वो, यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा स्थानीय उत्पाद खरीदें। इसका बहुत असर हुआ है। आज, भोजपत्र के उत्पादों को यहाँ आने वाले तीर्थयात्री काफी पसंद कर रहे हैं और इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं। भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत, उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए-नए रंग भर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई है कि भोजपत्र से नए-नए उत्पाद बनाने के लिए राज्य सरकार, महिलाओं को प्रशिक्षण भी दे रही है। राज्य सरकार ने भोजपत्र की दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए भी अभियान शुरू किया है। जिन क्षेत्रों को कभी देश का आखिरी छोर माना गया था, उन्हें अब, देश का प्रथम गाँव मानकर विकास हो रहा है। ये प्रयास अपनी परंपरा और संस्कृति को संजोने के साथ आर्थिक तरक्की का भी जरिया बन रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरणा मिलती है।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केंटिंग की अच्छी व्यवस्थाओं के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दे रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले साल अक्टूबर में माणा से देशभर के श्रद्धालुओं से अपील की थी कि अपनी धार्मिक यात्रा का 05 प्रतिशत खर्चा स्थानीय उत्पादों पर जरूर करें। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो रही है और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है।