देश की तरुणाई को भारत को सोने की चिड़िया बनाने की नशे का आदि बनना होगा: पदम

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  •  प्रामाणिकता और निस्वार्थ भावना से समाज के लिए कार्य करते हैं स्वयंसेवक
  • शील संपन्न व्यवहार के साथ शक्ति साधना भी महत्वपूर्ण है
  • जल और पर्यावरण बचाना हमारी ज़िम्मेदारी है ​

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पश्चिमी उत्तरप्रदेश के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम ने रविवार को परेड ग्राउंड मैदान में विजयदशमी के अवसर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश की तरुणाई को भारत को सोने की चिड़िया बनाने की नशे का आदि बनना होगा। संघ के स्वयंसेवक प्रामाणिकता और निस्वार्थ भावना से देश धर्म,संस्कृति व समाज जागरण के लिए कार्य कर रहे हैं।

रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तरी महानगर की ओर से विजयदशमी उत्सव पर आयोजित एकत्रीकरण कार्यक्रम को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए यह बातें कही। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने विभिन्न शारीरिक प्रदर्शन कर अपनी संगठन की शक्ति का परिचय दिया। दंड युद्ध, नियुद्ध,यष्टि,योग क्रिया का एक से बढ़कर प्रदर्शन किया। जो देखते ही बन रहा था।

इस मौके पर क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम ने उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युग धर्म शक्ति उपासना का है। धर्म जीवन जीना सिखाता है। उन्होंने कहा कि भारत प्रारंभ से ही नवधा शक्ति का स्वरूप शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की आराधना भक्ति और धर्म पर आधारित क्रिया विधियों से करता रहा है। विजयदशमी का पर्व केवल भगवान राम का रावण पर विजय का घोतक नहीं है बल्कि विजय दशमी का पर्व संपूर्ण समाज को एकत्रित कर दुष्टों व बुराइयों पर विजय प्राप्त करने का है। उन्होंने कहा कि त्याग व समर्पण का भाव व्यक्त करता अपना यह विजयदशमी का पर्व है भगवानराम ने 14 वर्ष सम्पूर्ण भारतवर्ष का अध्ययन कर वंचित समाज को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तैयार किया।

उन्होंने कहा कि संघ 99 वर्ष पूर्ण कर 100 वर्ष में प्रवेश कर रहा है। जब 1925 से संघ की स्थापना हुई तब से आज तक संघ की जीवन यात्रा अनवरत चल रही है। अनेकों प्रतिबंधों के बावजूद हम डटे रहे और अपने ध्येय मार्ग पर आगे बढ़ते चलते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए लिए अगर शास्त्र कमज़ोर हो रहे हों तो शस्त्र को चौक्कना रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज समाज नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है समाज के जागरूक नागरिक होने के नाते हमें स्वयं जागरूक होकर कार्य करना चाहिए और अपने आस पड़ोस में नशे की प्रवृत्ति और ख़रीद फ़रोख़्त को रोकने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को भारत को सोने की चिड़िया बनाने की नशे की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि हमने राम को राष्ट्र माना है। विश्व का भारत से अपेक्षा और विश्वास बढ़ा है।कार्यक्रम में शास्त्र पूजन भी किया गया।

इस मौके पर महानगर संघचालक चन्द्र गुप्त विक्रम, प्रांत प्रचार प्रमुख संजय, नीरज मित्तल, सुरेन्द्र मित्तल, अरुण शर्मा, भारत, प्रेम चमोला, बलदेव पाराशर सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।