पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के सपने को लगे पंख,  चीड़ की पत्तियां बनी रोजगार का जरिया, घर की साज-सज्जा व शोभा बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं पाइन नीडल से बने घरेलू उत्पाद

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  • पाइन नीडल से बने उत्पादों पर हिमालयन थ्रेड की 5 दिवसीय प्रदर्शनी शुरू

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून।  पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सपने को लगे पंख,  चीड़ की पत्तियां बनी रोजगार का जरिया, घर की साज-सज्जा व शोभा बढ़ाने का कार्य कर रहे है पाइन नीडल से बने घरेलू उत्पाद। त्रिवेंद्र ने बतौर मुख्यमंत्री चीड़ के पत्तों का सदुपयोग करने की ठानी थी। त्रिवेंद्र सिंह चीड़  को स्वरोजगार का जरिया बनाना चाहते थे,  आज उनका साकार हो रहा है। आज हिमालयन थ्रेड ने चीड़ की पत्तियों से घरेलू उपयोग की वस्तुएं की प्रदर्शनी लगाई है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की बेटी कृति रावत और अन्य महिला उद्यमियों द्वारा आरंभ की गई 5 दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में विधानसभाध्यक्ष  ऋतु खंडूड़ी ने किया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह की धर्मपत्नी समेत परिवारजन भी बिटिया कृति का उत्साहवर्धन करते नजर आये।

विशिष्ट अतिथि कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक कैंट सविता कपूर, विधायक राजपुर खजान दास, प्रसिद्ध लोक गायिका मीना राणा, दून वैलीउद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मेसोन ने भी दीप प्रज्ज्वन में भाग लिया। इसके बाद सभी अतिथियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। सभी ने विभिन्न उत्पादों को बहुत सराहा।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा ऐसे उत्तम और अनूठे उत्पादों के साथ महिलाएं बाजार में कदम रख रही हैं, ये सबके लिए गौरव की बात है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि इन्हें बाजार उपलब्ध कराएं, सहयोग करें। मेयर गामा और विधायक खजान दास ने कहा, प्रधानमन्त्री जी का लोकल फॉर वोकल तभी सिद्ध होगा, जब हम अपने पहाड़ी लोगों द्वारा बनाए उत्पादों को खरीदेंगे, उपयोग करेंगे।

हिमालयन थ्रेड राज्य की संस्कृति से जुड़ी कई प्रकार की वस्तुएं तैयार कर गांव में लोगों के लिए रोजगार पैदा करते हुए उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत कर रहा है । चीड़ पर्यावरण दुश्मन माना जाता है इसकी वजह जंगलों में आगजनी का कारण पीरुल चीड़ को माना जाता है क्योंकि यह काफी ज्वलनशील होता है उत्तराखंड में लगभग 27% वन क्षेत्र चीड़ से आच्छादित हैॅ लेकिन अब हिमालयन थ्रेड के जरिए यही चीड़ उत्तराखंड के लिए वरदान साबित हो रहा है।