मोदी सरकार का शानदार निर्णय … ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, शीतकालीन सत्र में होगा पेश

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क्रांति मिशन ब्यूरो 

नई दिल्ली। वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है और संसद में इसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। बता दें कि इस पर कोविंद कमेटी ने रिपोर्ट दी है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन की संभावनाओं पर मार्च में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में जो सुझाव दिए गए हैं, उसके मुताबिक पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए। समिति ने आगे सिफारिश की है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव भी हो जाने चाहिए। इससे पूरे देश में एक निश्चित समयावधि में सभी स्तर के चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे। वर्तमान में, राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग आयोजित किए जाते हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत करते आए हैं। पीएम मोदी ने कहा था, ’मैं सभी से एक राष्ट्र एक चुनाव के संकल्प को हासिल करने के लिए एक साथ आने का अनुरोध करता हूं, जो समय की मांग है।’ लोकसभा चुनाव से पहले आजतक से विशेष बातचीत में पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर कहा था कि सरकारों के पूरे पांच साल के कार्यकाल के दौरान चुनाव ही नहीं होते रहने चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘मैं हमेशा कहता हूं कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए. पूरे 5 साल राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे चुनावों का प्रबंधन करने वाले खर्च में कटौती होगी।’

15 राजनीतिक दल कर रहे विरोध, 32 का मिला समर्थन

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई बनी समिति ने 62 राजनीतिक पार्टियों से संपर्क किया था। इनमें से 32 ने एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया था. जबकि, 15 पार्टियां इसके विरोध में थीं। 15 ऐसी पार्टियां थीं, जिन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था।

जेडीयू और एलजेपी तैयार, टीडीपी ने नहीं दिया जवाब

केंद्र की एनडीए सरकार में बीजेपी के अलावा चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, नीतीश कुमार की जेडीयू और चिराग पासवान की एलजेपी (आर) बड़ी पार्टियां हैं। जेडीयू और एलजेपी (आर) तो एक देश, एक चुनाव के लिए राजी हैं, जबकि टीडीपी ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। जेडीयू और एलजेपी (आर) ने एक देश, एक चुनाव का ये कहते हुए समर्थन किया था कि इससे समय और पैसे की बचत हो सकेगी। वहीं कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, सीपीएम और बसपा समेत 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया था। जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा, टीडीपी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग समेत 15 पार्टियों ने कोई जवाब नहीं दिया था।

कानून बनाने के लिए संसद में पास कराना होगा बिल

एक देश, एक चुनाव के लिए सबसे पहले सरकार को बिल लाना होगा। चूंकि ये बिल संविधान संशोधन करेंगे, इसके लिए ये तभी पास होंगे, जब इन्हें संसद के दो तिहाई सदस्यों का समर्थन मिलेगा। यानी, लोकसभा में इस बिल को पास कराने के लिए कम से कम 362 और राज्यसभा के लिए 163 सदस्यों का समर्थन जरूरी होगा। संसद से पास होने के बाद इस बिल को कम से कम 15 राज्यों की विधानसभा का अनुमोदन भी जरूरी होगा। यानी, 15 राज्यों की विधानसभा से भी इस बिल को पास करवाना जरूरी है। इसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही ये बिल कानून बन सकेंगे।

गगनयान और वेनस ऑर्बिटर मिशन को भी मंजूरी

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का विस्तार जारी है। सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन को भी मंजूरी दी है। साथ ही वेनस ऑर्बिटर मिशन को भी मंजूरी दी गई है, और इससे हमारे सौरमंडल के रहस्यमय ग्रह वेनस के बारे में नई जानकारियां जुटाएगा।

गगनयान के फॉलो-अप और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) को भी कैबिनेट का अप्रूवल मिला है। किसानों के लिए NPK सब्सिडी को भी मंजूरी मिली है और इसके लिए 24,475 करोड़ रुपये की सब्सिडी को अप्रूव किया गया है।

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के लिए 35,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। समावेशी विकास पर फोकस करने के साथ ही प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के लिए 79,156 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई है।