विधानसभा के बजट सत्र : महाराज को घेरने की विपक्षी कोशिशें हुई नाकाम, पूरी तैयारी के साथ सदन में पहुंचे थे मंत्री

0
110

क्रांति मिशन ब्यूरो

भराडीसैंण (गैरसैण)। विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज पूरी तैयारी के साथ सदन में पहुंचे और प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष द्वारा दागे गए सवालों का बडे़ ही धैर्य के साथ बेबाकी से जवाब देकर विपक्ष को चारों खाने चित्त कर दिया।

उत्तराखण्ड विधानसभा के प्रथम सत्र 2023 के दूसरे दिन मंगलवार को प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज पूरी तैयारी के साथ सदन में पहुंचे और प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष द्वारा दागे गए सवालों का बडे़ ही धैर्य के साथ बेबाकी से जवाब देकर विपक्ष को धराशायी कर दिया। प्रश्नकाल के दौरान विधायक विरेंद्र कुमार लोक ने लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज से प्रश्न किया कि सरकार राज्य के छतिग्रस्त मार्ग को गड्ढा मुक्त करने के लिए क्या कर रही है और राज्य में कितने मार्ग गड्ढों से क्षतिग्रस्त थे। इसके अलावा विपक्ष के विधायक प्रीतम सिंह ने जानना चाहा कि प्रदेश में कितनी श्रेणियों के मोटर मार्ग विद्यमान हैं और किस श्रेणी के मोटर मार्गो पर सरकार द्वारा गड्ढा मुक्त अभियान चलाया गया है। विपक्ष के प्रश्नों का जवाब देते हुए लोक निर्माण मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में शीतकाल के पश्चात कुल क्षेत्र 659 मार्ग गड्ढों से क्षतिग्रस्त थे। राज्य में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग सहित पुल 8436 मार्गों के सापेक्ष सुगम यात्रा के दृष्टिगत मार्गो को गड्ढा मुक्त किए जाने हेतु 659 मार्गों के 3086 किलोमीटर लंबाई में पैच मरम्मत कार्य का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष 911 किमी लंबाई में माह फरवरी, 2023 तक पैच मरम्मत का कार्य पूर्ण किया गया है तथा अवशेष 2175 किमी लंबाई में पैच मरम्मत कार्य मार्च, 2023 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है और अप्रैल माह में भी कार्यवाही कर दी गई है।

लोक निर्माण मंत्री श्री महाराज ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में लोक निर्माण विभाग के अधीन क्षतिग्रस्त 903 राजमार्ग के लक्ष्य के सापेक्ष 244, मुख्य मार् मेजर डिस्टिक रोड के 421 के लक्ष्य के सापेक्ष 92, अन्य जिला मार्ग लक्ष्य 275 के सापेक्ष 78 और ग्रामीण मार्ग के लक्ष्य के 1344 के सापेक्ष 426 मार्गो को शीत ऋतु के पश्चात गड्ढा मुक्त किया गया है जबकि अन्य कार्यों के लिए अनुबंध कर लिए गए हैं और कार्यवाही युद्ध स्तर पर चल रही है।

सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के मामले में जहां लोनिवि मंत्री ने विपक्ष को सदन में निरुत्तर कर दिया वहीं सत्ता पक्ष के सदस्य बृज भूषण गैरोला ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से जानना चाहा कि उत्तरकाशी पंचकोसी यात्रा ट्रैक रूट को विकसित करने के लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है। सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री ने सदन को बताया कि पर्यटन की दृष्टि से इस हेतु काफी सहायता पहुंचाई गई है।उन्होंने कहा कि 2006 और 2007 में पौराणिक पंचकोसी यात्रा में बासूंगा विकासखण्ड भटवाडी में बडेथी चुंगी से नालूखाला तक 1.30 लाख की लागत से पी.सी. मार्ग एवं रेलिंग का कार्य करवाने के साथ साथ 2014-15 में ग्राम सल्डा से पंचकोसी वारुणी क्षेत्र जगन्नाथ मंदिर के पास चार दीवारी का काम किया गया है। इतना ही नहीं अभी तक उक्त यात्रा मार्ग पर विभिन्न विकास कार्यों के लिए जिला योजना के अंतर्गत 11. 78 लाख की धनराशि निर्गत की जा चुकी है। एक अन्य प्रश्न के जवाब में पर्यटन मंत्री ने कहा कि भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से टिहरी मेगा पर्यटन सर्किट योजना के अंतर्गत टिहरी बांध की झील में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2.30 करोड़ की लागत से एक बार्ज का क्रय भी किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि झील प्रभावित क्षेत्र के किन्ही गांवों में जनसंपर्क मार्ग की समस्या है तो इस संबंध में टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग के माध्यम से ही मार्ग अथवा अन्य बार्ज की व्यवस्था के संबंध में विचार किया जा सकेगा।

प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा डोईवाला के अंतर्गत सिंचाई विभाग की क्षतिग्रस्त नेहरों की मरम्मत के सवाल के बारे में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सिंचाई विभाग की 38 नहरें निर्मित हैं, जिनमें से 17 नहरें क्षतिग्रस्त हैं जिनमें से 13 छतिग्रस्त नेहरों की मरम्मत हेतु 1392.95 लाख योजनाएं बनाई जा चुकी हैं तथा चार नेहरू पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा विधानसभा के अन्य सदस्यों द्वारा सिंचाई, पर्यटन और पंचायतीराज विभाग से संबंधित पूछे गए सभी प्रश्नों का कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने सदन में बेबाकी से जवाब देकर विपक्ष को निरुत्तर कर दिया।