कृषि मंत्री से मिला जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जायका) का प्रतिनिधिमंडल

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  • उद्यान विभाग में औद्यानिकी विकास प्रोजेक्ट पर 540 करोड़ का निवेश कर रहा है जायका

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून।  ‘‘जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी (जेआईसीए)’’ के जापानी सदस्यों द्वारा आज राज्य के कृषि तथा उद्यान मंत्री से मुलाकात कर जायका द्वारा सहायतित 540 करोड़ रुपए लागत वाली ‘‘उत्तराखंण्ड एकीकृत औद्यानिकी विकास परियोजना’’ पर विस्तृत चर्चा की।

उत्तराखण्ड में औद्यानिकी विकास के लिए जायका द्वारा 540 करोड़ रुपए की लागत वाली औद्यानिकी विकास परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है। जायका और केन्द्र सरकार के मध्य इस सिलसिले में ऋण अनुबंध पर हस्ताक्षर हो गए हैं। राज्य के चार पर्वतीय जनपदों क्रमशः टिहरी, उत्तरकाशी, नैनीताल व पिथौरागढ़ में परियोजना संचालित की जानी प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत कीवी, सेब व अखरोट फलों के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाने के साथ ही हाईटेक नर्सरी, सुक्ष्म सिंचाई, युरोपियन सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने जैसी गतिविधियां भी संचालित की जानी प्रस्तावित हैं।

कृषि एंव उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार किसानों की आय दोगुनी करने हेतु प्रयासरत हैं। उत्तराखण्ड राज्य में औद्यानिकी के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। किसानों की आय को बढ़ाने तथा औद्यानिकी को आर्थिकी का महत्वपूर्ण बनाने हेतु जायका के सहयोग से संचालित उत्तराखण्ड एकीकृत औद्यानिकी विकास परियोजना मील का पत्थर सबित होगी। परियोजना के धरातल पर उतरने से बड़ी संख्या में फल उत्पादक इन कीवी, अखरोट तथा सेब जैसे फलों के उत्पादन में रूचि लेंगे जिससे उनकी आर्थिकी सशक्त होगी। उन्होंने जापानी दल से आग्रह किया कि सर्वप्रथम कीवी, स्ट्राबेरी, चेरी तथा अन्य ऐसे औद्यानिकी उत्पादों जिनमें आपका शोध तथा तकनीकी दक्षता है, ऐसे उत्पादों के पायलट प्रोजेक्ट कर इन योजनाओं की राज्य में फिजिबिलिटी का परीक्षण किया जाए। इसके साथ ही उप उत्पादक के तौर पर औद्यानिकी पर्यटन तथा कृषि पर्यटन को भी विकसित किए जाने की संभावना पर कार्य किया जाए।
इस दौरान जापानी प्रतिनिधि मण्डल के नाकाजिमा, नोजुमो नाकाने, केनिचिरो याकुरा एवं अन्य पांच सदस्य, कृषि सचिव शैलेश बगौली, निदेशक उद्यान एचएस बावेजा उपस्थित रहे।