नेत्रदान महादान : दान की गई एक आंख से 2 लोगों के जीवन में फैला सकते हैं रोशनी, नेत्रदान पखवाड़े में मरीज जागरुकता एवं छात्रों को जागरुक करने का कार्यक्रम रखा गया

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क्रांति मिशन ब्यूरो 

देहरादून। नेत्रदान पखवाड़े में मरीज जागरुकता एवं छात्रों को जागरुक करने का कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर शांति पांडे ने नेत्रदान के महत्व को बताया | उन्होंने कहा नेत्रदान मृत्यु के बाद किया जाता है | उन्होंने कहा दान की गई एक आंख से 2 लोगों के जीवन में रोशनी फैला सकते हैं |

प्राचार्य प्रोफेसर ( डॉ. ) गीता जैन ने नेत्रदान  के महत्व को एक उदाहरण के माध्यम से समझाया कि एक आदमी सड़क पर बिना आँखों के चल रहा है और सामने 2 डेथ होती है। एक तरफ अंतिम संस्कार कर देते हैं | एक मरीज लोगों के जीवन में सहायक होता है।  2 लोगों को किडनी; एक मरीज को दिल; एक मरीज़ को Liver; 2 मरीज़ को Lung  एवं 4 लोगों की आँखों में रोशनी मिल सकती है।

चिकित्सा अधीक्षक व प्रोफेसर ( डॉ.) अनुराग अग्रवाल ने कहा आप 10 मिनट आंखें बंद कर लें तो जान सकते हैं कि नेत्रहीन लोगों की जिंदगी कितनी मुश्किल होती है। नेत्रहीन लोगों को नेत्रदान से रोशनी देकर कितना बड़ा बदलाव ला सकते हैं | इसे बड़ा पुण्य काम कुछ भी नहीं हो सकता है |

प्रोफेसर ( डॉ. ) सुशील ओझा ने कहा निधन के बाद जागरुकता की कमी के कारण Corneal Transplant का backlogs हर साल बढ़ रहा है | 20000 transplant हो रहे हैं जबकि जरूरत 2 लाख की है | जबकि हर माह लाखों में deaths होते हैं |

कार्यक्रम में छात्रों में एक नेत्रदान जागरुकता का नाटक भी मंचन किया | छात्रों ने पोस्टर भी बनाए जिनमें से पहले तीन लोगों को सर्टिफिकेट भी दिए गए | इस कार्यक्रम में डॉक्टर हिमानी पाल, डॉक्टर नीरज सरस्वत, डॉक्टर दुष्यंत उपाध्याय, सहायक प्रोफेसर उपस्थित रहे |