- अटल उत्कृष्ट गवर्नमेंट इंटर कॉलेज बरोटीवाला, गुरु नानक गर्ल्स इंटर कोलेज खुर्बुडा, दून नर्सिंग एवं दून मेडिकल कॉलेज के बच्चों को किया सम्बोधित
- बच्चों ने “टी.बी. मुक्त उत्तराखंड” “डेंगू से बचाव” “नेत्र दान – सर्वोपरि दान”, “धूम्रपान – तम्बाकू सेहत के लिए हानिकारक” पर चित्रकला प्रतियोगिता में किया प्रतिभाग
क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। सरस मेले 2022 में, जिला प्रशासन , ग्राम्य विकास विभाग की ओर से, ‘आपका बिजनेस सोल्यूशंस’ देहरादून के समन्वय से, आयोजित “सोशल अवेयरनेस प्रोग्राम” के अतर्गत आज के ‘सोशल अवयेरनेस प्रोग्राम’ के प्रथम सत्र के अंतर्गत, अटल उत्कृष्ट गवर्नमेंट इंटर कॉलेज बरोटीवाला विकासनगर, गुरु नानक गर्ल्स खुर्बुडा,दून नर्सिंग एवं दून मेडिकल कॉलेज के बच्चों ने “टी.बी. मुक्त उत्तराखंड” “डेंगू से बचाव” “नेत्र दान – सर्वोपरि दान” “धूम्रपान – तम्बाकू सेहत के लिए हानिकारक” विषयों पर चित्रकला प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया।
‘सोशल अवयेरनेस प्रोग्राम’ के मुख्य अतिथि एवं गेस्ट स्पीकर रहे स्वास्थ्य सचिव/ सचिव चिकित्सा शिक्षा/ एम.डी- एन.एच.एम डॉ. आर.राजेश कुमार एवं निदेशक एन.एच.एम. डॉ सरोज नैथानी, प्रिंसिपल दून मेडिकल कॉलेज देहरादून। डॉ.आर.राजेश कुमार ने बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “मानसिक सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ने के मकसद से पूरी दुनिया में 10 अक्टूबर का दिन मेंटल हेल्थ दिवस के रूप में मनाया जाता है और आज सरस मेले के ‘सोशल अवयेरनेस प्रोग्राम’ के माध्यम से , सभी श्रोता “स्वास्थ्य दूत” का कार्य करें और अधिक से अधिक जन तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनायें पहुंचाएं. उन्होंने सोशल अवयेरनेस प्रोग्राम’ के बारे में भी सराहना की। उत्तराखण्ड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखण्ड का, मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, गरीबों, महिलाओं तथा बच्चों के लिये बेहतर स्तर की स्वास्थ्य देखभाल और जन सामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है.”
संवाद को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से और उत्तराखंड सरकार के कुशल नेतृत्व में अटल आयुष्मान योजना वरदान साबित हुई है। प्रदेश में सभी को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने साथ ही कैशलेस चिकित्सा उपचार देने की दिशा में अटल आयुष्मान योजना प्रभावी सिद्ध हो रही है। कहा कि मरीजों के लिए आपातकालीन 108 एम्बुलेंस सेवा उत्तराखंड की पर्वतीय विषमताओं में सराहनीय कार्य कर रही है और सरकार ने 108 सेवा को व्यापक और सर्वसुलभ बनाने के लिए 108 सेवा के बेड़े में 272 नई एम्बुलेंस शामिल की हैं। 217 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस, 54 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस और एक बोट सपोर्ट एम्बुलेंस भी कार्य कर रही है। इस विशेष एम्बुलेंस सेवा का लाभ 108 पर कॉल करके लिया जा सकता है और राज्य सरकार की ओर से संचालित स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने एकीकृत हेल्पलाइन सेवा 104 शुरू की है । इस सेवा से कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बंधित शिकायत, सुझाव या जानकारी के साथ ही स्वास्थ्य संबंधित परामर्श हासिल कर सकता है। 108 की भाँती यह भी एक निःशुल्क टोल फ्री सेवा है।
भारत सरकार एवं उत्तराखंड सरकार के समन्वय से जनमानस को ई -संजीवनी की सेवा का लाभ प्राप्त हो रहा है, उत्तराखंड नागरिकों को घर बैठे स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मोबाईल एप के जरिए ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की है। इस एप के जरिए किसी भी बीमारी से पीड़ित मरीज घर बैठे विशेषज्ञ / डॉक्टरों से निशुल्क परामर्श ले सकते हैं। ई-संजीवनी के अन्तर्गत दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र के मरीजों को अब एम्स ऋशिकेष, दून मेडिकल कोलेज-देहरादून, राजकीय मेडिकल कोलेज हल्द्वानी, श्रीनगर मेडिल कोलेज, समस्त शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हब, 13 जिला चिकित्सालय हब तथा एनएचएम हब के विशेषज्ञ चिकित्सकों से निशुल्क परामर्श प्राप्त हो रहा है।
चर्चा के दौरान डॉ.आर राजेश कुमार ने कहा कि भारत विश्व का सर्वार्धिक टी0बी0 रोग से प्रभावित देश है। अतः ऐसे में टी0बी0 उन्मूलन के लिए जनभागीदारी के इस अभियान का अपना ही एक महत्व है। राष्ट्रीय क्षःय उन्मूलन का उद्देष्य क्षय रोगियों को रोग मुक्त करना है। अतः भारत सरकार द्वारा क्षःय मुक्त भारत हेतु लक्ष्य वर्ष 2025 रखा गया है। हाल ही में मा. राष्ट्रपति महोदया द्वारा क्षःय रोग उन्मूलन हेतु निःक्षय 2.0 अभियान का शुभारम्भ भी किया गया। इस अभियान के अन्तर्गत वर्ष 2025 तक भारत को टी0बी0 रोग से मुक्त करना है। इस हेतु उत्तराखण्ड सरकार द्वारा इससे पूर्व ही वर्ष 2024 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम के अन्तर्गत क्षःय रोग की जाँच, उपचार एवं औषधि निःशुल्क उपलब्ध है। भारत सरकार एवं उत्तराखण्ड सरकार का यह प्रयास है कि निःक्षय मित्र के रूप में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाये, ताकि समाज में टी0बी0 रोग के स्टिगमा को समाप्त कर एक बड़ा बदलाव लाया जा सके।
एन.एच.एम की निदेशक डॉ सरोज नैथानी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा , अटल आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाये जाने जैसे प्रमुख कार्य किये जा रहे हैं जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर के द्वारा आम जनमानस के मोतियाबिंद, टी0बी0 रोग,डायबिटिज, हाईपरटेंषन, कैंसर आदि की जांच की जा रही है। एड्स जैसी घातक बीमारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति का संचालन किया जा रहा है इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेस में एच0आई0वी0एड्स की रोकथाम एवं नियंत्रण करना है। इसके अन्तर्गत यौन जनित रोगों का उपचार एवं सम्पूर्ण उत्तराखण्ड में सुरक्षित एवं उच्च गुणवत्तायुक्त रक्त की उपलब्धता सुनिष्चित कराना, आर0टी0आई0, एस0टी0आई0 व एच0आई0वी0 एड्स की रोकथाम हेतु कोंडम उपलब्ध कराना, एचआईवी एड्स के प्रति आम जन को जागरूक करना है। चर्चा के अंत में उन्होंने आध्यात्मिक स्वास्थ्य के बारे में भे जानकारे दी। बच्चों को इससे सम्बन्धित लघु फिल्में भी दिखाई गयीं।
दून मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल डॉ आशुतोष सयाना ने टी.बी. मुक्त उत्तराखंड, डेंगू से बचाव और नेत्र दान – सर्वोपरि दान और धूम्रपान – तम्बाकू -सेहत के लिए हानिकारक विषयों पर अपने विचार साझा किये। कार्यक्रम संचालन डॉ. कंचन नेगी ने किया।