- मरीज का बायां फेफड़ा हाइडेटिड सिस्ट के कारण लगभग खत्म हो चुका था
- आपरेशन के बाद अब फेफड़ा 50% से ज्यादा काम कर चुका है
क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के चिकित्सकों ने फेफड़ों की सिस्ट से ग्रस्त मरीज की थोरोस्कोपिक सर्जरी की है। मरीज का बायां फेफड़ा हाइडेटिड सिस्ट के कारण लगभग खत्म हो चुका था। पर आपरेशन के बाद अब फेफड़ा पचास प्रतिशत से ज्यादा काम कर चुका है।
चकराता निवासी 28 वर्षीय वीरू वर्मा के बाएं फेफड़े में करीब 25 सेमी का हाइडेटिड सिस्ट था। इतना बड़ा हाइडेटिड सिस्ट फेफड़े में अति दुर्लभ है। जिस कारण मरीज अत्यंत तकलीफ में थे। कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद वह दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय पहुंचे। क्योंकि थोरोस्कोपी विधि से इतने बड़े सिस्ट का आपरेशन कुछेक ही अस्पतालों में होता है। इसकी जटिलता को देखते हुए टीम को एक माह सर्जरी की तैयारी में लगे। एनेस्थेटिस्ट के लिए भी केस बहुत चुनौतीपूर्ण था। बारह चिकित्सकों ने करीब सात घंटे आपरेशन किया। जिसमें सर्जरी, एनेस्थीसिया,हृदय रोग, मेडिसिन व श्वास रोग के चिकित्सक इसमें शामिल रहे। वहीं, दिल्ली मैक्स के थोरेसिक सर्जन डा. शैवाल खंडेलवाल ने लाइव जुड़कर टीम का मार्गदर्शन किया। आपरेशन के चार घंटे बाद ही मरीज का फेफड़ा 50 प्रतिशत से ज्यादा काम करने लगा और वह फेफड़े से जुड़ी एक्सरसाइज करने में भी सक्षम हो गया।
प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि आपरेशन सर्जन डा. अभय कुमार के नेतृत्व में किया गया। इस दौरान चार वरिष्ठ एनेस्थेटिस्ट डा. अतुल, डा. शोभा, डा. दीपिका व डा. वंदना इसकी मानिटरिंग करते रहे। वहीं, चेस्ट फिजीशियन डा. अनुराग अग्रवाल सहित डा. अमिताभ,डा. प्रियंका, डा. शिखर, डा. धनंजय डोभाल, डा. कुमार जीत व स्टाफ प्रतिमा ने भी आपरेशन में अहम भूमिका निभाई। प्राचार्य व चिकित्सा अधीक्षक डा. यूसुफ रिजवी ने आपरेशन में शामिल पूरी टीम को बधाई दी है।