Big News : देहरादून में भारतीय संस्कृति और विरासत को समर्पित और नॉर्थ इंडिया की पहली पावर वॉक “Sari-thon” का आयोजन हुआ

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क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। भारतीय संस्कृति और विरासत को समर्पित और नॉर्थ इंडिया की पहली पावर वॉक “Sari-thon” का आयोजन पावर वूमेन के नाम से मशहूर लेखिका एवं समाजसेविका वेणु अग्रहरी ढींगरा द्वारा देहरादून के दून क्लब में आयोजित किया गया। जिसमें देहरादून की विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं ने बड़े उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। इस पावर वॉक में साड़ी पहने नारी शक्ति का काफ़िला दून क्लब से निकलकर सर्वे चौक होते हुए वापस दून क्लब में पहुंचा। उसके बाद womeniya बैंड ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सभी महिलाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर वुमानिया बैंड के नए गीत “रोशनी” का भी लॉन्च हुआ।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की धर्मपत्नी गीता धामी, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, एवं आईएमए कमांडेंट की पत्नी पुनीता जैन रहीं। कार्यक्रम में 90 वर्ष की सुंदर और सशक्त नारी शैल ढींगरा ने कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया। Sari-thon में 20 वर्ष की महिला से लेकर 90+ की महिलाओं ने प्रतिभाग किया और इस आयोजन को सफल बनाया। इस आयोजन के Co-Partner रेड एफ एम ने किया जिसकी स्टेशन हेड रजत शक्ति जी ने विशेष तौर पर इस आयोजन को सफल बनाने में काफी मदद की और कार्यक्रम में उपस्थित रहीं। सुरभि सपरा का विशेष आभार जिन्होंने सभी मेहमानों को अपनी तरफ से भेंट दिया।

भारती साड़ी, कपूर ज्वेलर्स, फोरस ग्रुप , एमजे होटल और फिक्की फ्लो ने कार्यक्रम को स्पॉन्सर किया और साथ ही शहर की विभिन्न महिला उद्यमियों ने इस कार्यक्रम में अलग-अलग तरीकों आगे बढ़ कर डिस्काउंट कूपन देकर सहयोग किया।

ऑल इंडिया रेडियो आकाशवाणी के लोकप्रिय कार्यक्रम “नमस्कार देहरादून” में भी इस आयोजन को कवर किया गया। बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग से दिव्यांग बच्चों द्वारा फूड कोर्ट लगाया गया और हमारी उत्तराखंड पुलिस का कार्यक्रम के आयोजन को सफल बनाने में विशेष सहयोग रहा।

शहर की प्रमुख हस्तियों ने आगे बढ़ कर इस आयोजन में हिस्सा लिया जिसमें अध्यापिका, डाक्टर, आर्किटेक्चर, लेखिका, समाज सेविका, पुलिस, ब्यूरोक्रेसी और प्रतिभाशाली गृहणियों ने खूबसूरत साड़ी पहन कर हिस्सा लिया।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और भारतीय संस्कृति के पारंपरिक परिधान साड़ी को बढ़ावा देना है।