Big News : धामी मंत्रिमंडल ने लिया बड़ा फैसला… दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख्ती से रोक लगाने का निर्णय,

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  • उपद्रवियों से होगी सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई
  • क्लेम ट्रिब्यूनल करेगा नुकसान का आंकलन, राज्य सरकार ने कानून बनाने को प्रदान की मंजूरी

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जनहित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख्ती से रोक लगाने का कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया।  एक विशेष ट्रिब्यूनल के गठन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। दंगों के दौरान होने वाले सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति दंगाइयों से ही की जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और एक ऐसी नजीर बनाएंगे जिससे देवभूमि की पवित्र भूमि को कलंकित करने वाले दंगाइयों की पीढियां भी वर्षों तक याद रखेंगी।” उपद्रवियों से होगी सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई। क्लेम ट्रिब्यूनल करेगा नुकसान का आंकलन, राज्य सरकार ने कानून बनाने को प्रदान की मंजूरी।

उपद्रव फैलाने वालों पर शिकंजा कसने की दिशा में उत्तराखण्ड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दंगा और अशांति फैलाने के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिए एक क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने इससे संबंधित कानून बनाने पर अपनी मुहर लगा दी है।

हड़़ताल, बंद, उपद्रव फैलाने अथवा विरोध प्रदर्शन आदि के दौरान प्रदर्शनकारी सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे सरकारी और निजी संपत्तियों को भी नुकसान होता है। इसकी क्षतिपूर्ति के लिए अब तक उत्तराखण्ड में कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। दंगे करने और अशांति फैलाने वालों पर उत्तराखण्ड सरकार अब सख्ती से पेश आएगी।

राज्य मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में इसे लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसके तहत सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर मुकदमा दर्ज होने की स्थिति में सर्किल ऑफिसर अपनी रिपोर्ट संबंधित जिलाधिकारी को प्रेषित करेंगे। जिलाधिकारी द्वारा गठित क्लेम ट्रिब्यूनल, कोर्ट कमिश्नर के माध्यम से नुकसान का आंकलन करेगा। जिसके बाद इस कानून के अंतर्गत संबंधित व्यक्ति से वसूली की जाएगी।

कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय

– राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विभाग सुमाड़ी, श्रीनगर को तकनीकी शिक्षा विभाग की 5.335 एकड़ भूमि निशुल्क होगी स्थानांतरित।

– उत्तराखंड आवास नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब लाभार्थियों को डेढ़ लाख रुपए की धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। इससे पहले एक लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाती थी।

– न्याय विभाग के अंतर्गत चार जनपदों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधम सिंह नगर में चाइल्ड और जनरल कॉउंसलर की नियुक्ति की जाएगी।

– औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत संयुक्त निदेशक खनन व संयुक्त निदेशक जीओलॉजी को अब संयुक्त निदेशक नाम से जाना जाएगा।

– माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में अभी भर्ती पर रोक लगी है। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत इस हेतु पहले से कमेटी गठित है। यही कमेटी माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में भर्ती को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी।

– वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा संवर्ग के कर्मियों के अधिकार वित्त विभाग के अधीन ही होंगे। इसके लिए एक सम्मिलित कैडर बना दिया गया है।

– समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अनसूचित जाति दशमेतर छात्रवृत्ति योजना में मिलने वाली छात्रवृत्ति की धनराशि को बढ़ाया गया। केंद्र सरकार द्वारा जो संशोधन इस हेतु किये गए हैं, उसे राज्य द्वारा अंगीकृत किये जाने को मंजूरी कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई।

– गृह विभाग के अंतर्गत दंगों और अशांति मामलों में सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति वसूली, नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिए एक क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। इसके लिए शीघ्र अध्यादेश बनाने को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की है।