- उत्तराखंड एकता मंच का अधिवेशन
वरिष्ठ लेखक और पत्रकार सुरेश नौटियाल ने कहा कि भारत सरकार एवं उत्तरप्रदेश सरकार के दस्तावेजों के आधार पर उत्तराखंड एकता मंच का दावा सही है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 5वीं अनुसूची पूर्व में लागू थी, जिसे सरकार ने हमसे 1972 में छीन लियाl उन्होंने कहा कि सन 1995 तक पहाड़ के लोगो को शिक्षा में 6% आरक्षण मिलता था, वह भी सरकार ने हमसे छीन लिया।
निशांत रौथाण ने कहा कि गढ़वाली और कुमाऊनी ट्राइबल कमेटियां दस्तावेजों के आधार पर सरकार से बातचीत करेंगीl उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्द ही पहाड़ में पांचवीं अनुसूची लागू होगी और क्षेत्र को जनजातीय दर्जा मिलेगाl
अधिवेशन में पांचवीं अनुसूची के लाभ पर विस्तार से चर्चा हुईl वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में पांचवीं अनुसूची लागू होने से कई लाभ होंगे जैसे – शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण, नदी, जंगल, पहाड़ पर अधिकार नदी एवं जंगल से रोजगार बड़ी कंपनियों की जगह पहाड़ के मूलनिवासियों को मिलेगा l केवल नदी एवं जंगल 2 लाख से ज्यादा परिवारों को रोज़गार दे सकते है l अनुसूचित जनजाति कल्याण अधिनियम से हमारी बहन, बेटियां सुरक्षित होंगी l स्थानीय उत्पादों और प्राकृतिक संसाधनों को बेचने का अधिकार भी स्थानीय लोगों को होगा। विकास के लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार से अलग से बजट मिलेगा, भाषा एवं संस्कृति संरक्षण एवं विकास किया जाएगा , मूल निवास 1950 एवं 100% भू कानून स्वतः ही मिल जाएंगे l
अधिवेशन में इस बात पर भी चर्चा हुई की देश में मूल निवास 1950 केवल जनजातीय दर्जा प्राप्त होने पर ही मिलता है l देश में कभी भी सामान्य वर्ग के लोगों को मूल निवास 1950 नहीं मिलता है l मूलनिवास 1950 पाने के लिए पहाड़ के लोगों को जनजातीय दर्जा पाना ही होगा l अधिवेशन में महेंद्र रावत, योगेश्वर बिष्ट आदि समाजसेवी भी शामिल हुए l