Big News : उत्तराखंड में अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए बनेगी मजबूत एसओपी, सीएम धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह के निर्देश पर सचिव स्वास्थ्य ने दून अस्पताल पहुंचकर की नई पहल, डाक्टरों, नर्स और स्टाफ के साथ मनाया रक्षाबंधन, कहा – राज्य के अस्पतालों में महिला सुरक्षा प्राथमिकता

0
82
  • महिला सुरक्षा को लेकर गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखेंगे स्वास्थ्य सचिव

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा है कि अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा प्रदेश सरकार के लिए प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देशों के क्रम में सुरक्षा के मद्देनजर सरकार अस्पतालों के लिए एसओपी यानी गाइडलाइन में आवश्यक बदलाव करेगी। जल्द नई एसओपी जारी की जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार आज सुबह रक्षाबंधन के मौके पर दून मेडिकल कालेज पहुंचे। यहां रेजीडेंट डाक्टर, नर्सों और महिला कर्मचारियों ने उन्हें राखियां बांधी। इस मौके पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दून मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी खोलने की कवायद की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में डीजीपी और गृह सचिव को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कार्यरत महिला डाक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अस्पतालों में सुरक्षा के लिए जल्द ही एसओपी भी बनाई जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार आज रक्षाबंधन के मौके पर दून मेडिकल कालेज पहुंचे। इस मौके पर महिला मेडिकल स्टाफ ने उन्हें राखियां बांधी। महिला डाक्टरों, नर्स और महिला कर्मचारियों ने अस्पताल में रात्रि पाली में कार्य के दौरान सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। महिला कार्मिकों का कहना है कि अस्पताल में एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी की 24 घंटे तैनाती की जाएं ताकि वो अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें। इस पर स्वास्थ्य सचिव ने सभी महिलाओं कार्मिकों को सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। स्वास्थ्य सचिव ने महिला डॉक्टर या स्टाफ के द्वारा सुरक्षा को लेकर उठाए गए विषय पर आस्वस्थ किया कि जल्द ही विभाग की तरफ से गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र भेज कर दून मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी खोलने और पुलिस चौकी में महिला सिपाहियों के तैनाती करने की मांग की जाएगी जिससे वहां पर ड्यूटी कर रहे स्टाफ को सुरक्षा मिल सके।

कोलकात्ता की डाक्टर बेटी की निर्मम हत्या के बाद डाक्टरों में रोष व्याप्त है। प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य सचिव के मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य ढंग से चल रही हैं।

इस मौके पर स्वास्थ्य चिकित्सा निदेशक डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि महिला सुरक्षा के उपाय सरकार की प्राथमिकताओं में हैं। अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाएंगे। इस मौके रेजीडेंट डाक्टरों ने कहा कि अस्पताल में कोलकात्ता की घटना के बाद डर का माहौल था लेकिन स्वास्थ्य सचिव के आश्वासन के बाद यह भय कम हुआ है।

दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ गीता जैन ने कहा कि आज उनके कॉलेज का महिला स्टाफ खुश है.. क्योंकि रक्षाबंधन पर उन्हें उनके भाई स्वास्थ्य सचिव की तरफ से सुरक्षा का आश्वासन मिला है।

दून मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉ ईशान सिंह ने कहा कि जिस तरीके से पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ घटना घटी है उसे पूरे देश में आक्रोश है और तरफ महिला डॉक्टर की सुरक्षा का सवाल उठने लगा है।

इस दौरान डॉ आशुतोष सयाना, डॉ गीता जैन, डॉ अनुराग अग्रवाल, डॉ धनंजय डोभाल, डॉ एमके पंत, डॉ अनिल जोशी, डॉ नितिन, डॉक्टर शिव, डॉ अंकुर पांडे, डॉ योगेश्वरी, दून मेडिकल कॉलेज के पीआरओ महेंद्र भंडारी के अलावा विनोद नैनवाल, प्रमोद मिश्रा, नवीन खंडूरी मौजूद रहे।