Big News : मानचित्रों के सरलीकरण की दिशा में एमडीडीए की नई पहल, प्राधिकरण में आमजन की सहूलियत को बनेगा हेल्प डेस्क

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  • एमडीडीए उपाध्यक्ष ने समीक्षा बैठक लेकर जारी किए आवश्यक निर्देश, प्राधिकरण में जल्द शुरू होगी ऑनलाइन सुनवाई भी
  • उपाध्यक्ष के कड़े निर्देश, नक्शों के निस्तारण में हुई देरी तो कार्मिकों पर होगी कड़ी कार्रवाई

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। मानचित्रों के सरलीकरण की दिशा में एमडीडीए की नई पहल, प्राधिकरण में आमजन की सहूलियत को बनेगा हेल्प डेस्क। एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने समीक्षा बैठक लेकर जारी किए आवश्यक निर्देश, प्राधिकरण में जल्द शुरू होगी ऑनलाइन सुनवाई भी। उपाध्यक्ष के कड़े निर्देश, नक्शों के निस्तारण में हुई देरी तो कार्मिकों पर होगी कड़ी कार्रवाई।

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की ओर से बुधवार को प्राधिकरण सभागार में मानचित्र अनुभाग, अनाधिकृत एवं अवस्थापना विकास के कार्यों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश जारी किए गए।

उपाध्यक्ष ने कहा कि आवासीय नक्शों में आम जनता को राहत देने के लिए प्राधिकरण कार्यालय में एक हेल्प डेस्क गठित की जाएगी। इस डेस्क में ड्रॉफ्टमैन की तैनाती की जाएगी। इस हेल्प डेस्क का उद्देश्य होगा कि लोगों को नक्शे पास कराने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। उपाध्यक्ष ने कहा कि प्राधिकरण की वेबसाइट पर एप्रूव्ड कॉलोनियों के लिए स्व प्रमाणित नक्शों की व्यवस्था है। ऐसे में लोगों की सहूलियत के। मद्देनजर ड्रॉफ्टमैन उन्हें स्व प्रमाणित नक्शे चयन करने में मदद के साथ ही अन्य सहायता प्रदान करेंगे। इसी के क्रम में उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि आवासीय नक्शों को 15 दिन में पास करने की अनिवार्यता है। इसके मद्देनजर प्राधिकरण के सॉफ्टवेयर में एक फिल्टर दिया जाए ताकि 15 दिन में जिसके भी पास फ़ाइल हो उसे अलर्ट का मैसेज चला जाये। उपाध्यक्ष ने मानचित्र सेल के समस्त कार्मिकों को सख्त चेतावनी दी है कि हर हाल में निर्धारित समय सीमा में मानचित्र का निस्तारण किया जाए। ऐसा न करने की स्थिति में उन्होंने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

उपाध्यक्ष  ने 4 जून के बाद पुनः शमन कैम्प शुरू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही समस्त सहायक अभियंताओं को प्रति माह 10-10 लाख रुपये की कंपाउंडिंग प्रत्येक सेक्टर में कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा प्राधिकरण के समस्त 12 अनुभागों को उन्होंने पूर्णतः ऑनलाइन करने के लिए कहा है। अभी 7 अनुभाग जैसे नजूल, प्रोपर्टी, खरीद फरोख्त इत्यादि ऑनलाइन नहीं हैं। जिन्हें जल्द ऑनलाइन किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सुनवाई को भी पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाए ताकि लोगों को प्राधिकरण के चक्कर नहीं काटने पड़े। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक एप प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराए जाए जिस पर घर बैठकर ही लोग सुनवाई प्रक्रिया में शामिल हो सकें। इसे अगले माह से उन्होंने शुरू करने के निर्देश दिए। उपाध्यक्ष  ने प्राधिकरण में 2 डाटा एंट्री ऑपरेटर्स की तैनाती के भी निर्देश दिए हैं जिनका कार्य तमाम लोगों की समस्याओं को ससमय नोट डाउन कर उन्हें संबंधित तक पहुँचाने का होगा।