उत्तराखंड : चार्ज संभालते ही वन मंत्री सुबोध की रडार पर भ्रष्ट अफसर, फाइल की तलब

0
327
  • वनाग्नि रोकने के लिए तय की अधिकारियों की जवाबदेही
  • वन क्षेत्रों में कब्जों को हटाने के लिए चलेगा अभियान
  • वन मंत्री की जिम्मेदारी संभालते ही सुबोध उनियाल ने गिनाईं प्राथमिकताएं

भुवन उपाध्याय

देहरादून। बतौर कृषि मंत्री उत्तराखंड को ऑर्गेनिक सेक्टर में लगातार दो साल सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार दिलाने वाले सुबोध उनियाल धामी सरकार में वन मंत्री का पद संभालते ही ‘रौ’ में दिखाई दे रहे हैं। सुबोध ने वन मंत्री के रूप में चार्ज संभालते ही अधिकारियों को काम करने का एलर्ट जारी कर दिया है। भ्रष्ट अफसरों की फाइलें सुबोध ने तलब कर दी हैं। अपर मुख्य सचिव से भ्रष्ट अधिकारियों की फाइलें मांग ली हैं। सुबोध उनियाल ने सबसे पहले ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है, जिनके खिलाफ जांच होने के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
उत्तराखंड के वन मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद सुबोध उनियाल ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं। उन्होंने कहा विभाग में जिन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच हो चुकी है और कार्यवाही नहीं हो रही है, ऐसे अधिकारियों की फाइल उनके द्वारा मंगाई गई है। ऐसे अधिकारी के खिलाफ या तो निलंबन या फिर कंपलसरी रिटायरमेंट की कार्रवाई की जाएगी।
सुबोध उनियाल ने कहा प्रदेश में जिस तरह वनाग्नि की घटनाएं हो रही है, ऐसे में उनकी प्राथमिकता है कि ऐसी घटनाओं पर किसी तरह से रोक लगाई जाए। वन क्षेत्रों में वनाग्नि की घटना को लेकर उनकी तरफ से अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। ऐसे में अब डीएफओ को उनके क्षेत्रों के लिए जिम्मेदार बनाया गया है। उन्होंने कहा वन क्षेत्रों में देखा गया है कि कई बड़े लोगों के कब्जे हुए हैं, ऐसे क्षेत्रों के चिन्हीकरण के बाद इन क्षेत्रों से कब्जा हटाने का काम किया जाएगा। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा।