उत्तराखंड : त्रिवेंद्र सरकार पर्यटन को उबारने के लिये 75 करोड की आर्थिक सहायता देगी

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क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। राज्य में कोविड-19 महामारी के संक्रमण की रोकथाम हेतु किये गये लॉकडाउन के कारण समस्त व्यवसायिक एवं पर्यटन की गतिविधियां बन्द होने के कारण इनसे जुडे कार्मिकों एवं व्यवसायियों को इस आर्थिक संकट से उबारने के लिए राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने लगभग 75 करोड़ की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है।
इन गतिविधियों से जुडे विभिन्न संगठनों से प्राप्त सुझावों के आधार पर राज्य सरकार में विभिन्न स्तरों पर विचार-विमर्श के पश्चात् मंत्रीमण्डल द्वारा यथासम्भव व्यक्तिगत एवं संस्थागत सहायता प्रदान करने का फैसला किया गया।
व्यक्तिगत लाभार्थियों हेतुपर्यटन विभाग व अन्य विभागों में पंजीकृत पर्यटन व अन्य इकाइयों की कुल 1,09,818 इकाइयों में प्रत्यक्ष रूप से लगभग 2,43,000 कार्मिक योजित हैं। इन सभी को तत्कालिक रूप से रू0 1,000/- प्रति कार्मिक के हिसाब से व्यक्तिगत सहायता प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) के माध्यम से वितरित की जायेगी। यह धनराशि लगभग 25 करोड़ होगी।
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना व दीन दयाल होम स्टे योजना के अन्तर्गत अप्रैल से जून(प्रथम क्वार्टर) के ऋण पर लिये जाने वाले ब्याज की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जायेगी, जिसका व्ययभार लगभग 25 लाख होगा अर्थात अब इस योजना से लाभान्वित हुए लोगों को अपने ऋण पर तीन माह का ब्याज नहीं देना होगा।
पर्यटन विभाग द्वारा विशेष क्षेत्र/गतिविधियों हेतु सृजित समितियों द्वारा अपने संसाधनों से राफ्टिंग गाईड आदि को लगभग 35 लाख की एकमुश्त सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। इस श्रेणी के लाभार्थियों हेतु 1,000/- की एकमुश्त धनराशि अनुमन्य नहीं होगी अर्थात एक व्यक्ति एक ही श्रेणी का लाभ उठा सकेगा।
राज्य सरकार द्वारा पर्यटन उद्योग को संस्थागत सहायता के रूप में विभागवार निम्न प्रकार से लाभ/सहायता देने का निर्णय लिया गया: –
आबकारी विभाग द्वारा होटल एवं रेस्टोरेन्ट के वर्ष 2020-21 के बार अनुज्ञापन शुल्क को लॉकडाउन की अवधि (3 माह) हेतु समानुपातिक रूप से कम करने का निर्णय लिया गया। यह धनराशि लगभग 2.50 करोड़ होगी।
उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जिन पर्यटन/औद्यागिक इकाइयों को संचालन की सहमति (Concent to Operate) 31.03.2020 तक दी गयी थी। ऐसी सभी इकाइयों को आरेन्ज व ग्रीन श्रेणी में संचालन की सहमति (Concent to Operate) को अगले एक वर्ष अर्थात 31.03.2021 तक बिना अतिरिक्त शुल्क लिये, बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया है, जिस पर लगभग 15 करोड़ का व्ययभार होगा।
परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 हेतु पर्यटक व अन्य यात्री वाहनों परमिट नवीनीकरण शुल्क एवं 02 माह हेतु मोटर टैक्स में छूट प्रदान किये जाने पर विचार किया गया है, जिस पर लगभग 23 करोड़ का व्ययभार होगा।
पर्यटन विकास परिषद् के अन्तर्गत पंजीकृत होने वाली समस्त पर्यटन इकाइयों नवीनीकरण/पंजीकरण शुल्क को वर्ष-2020-21 के लिए स्थगित किये जाने का भी निर्णय परिषद स्तर पर लिया गया है। इस पर लगभग 60 लाख का व्ययभार होगा।
बता दें पिछली मंत्रीमंडल की बैठक में ऊर्जा विभाग द्वारा होटलों, रेस्टोरेन्ट तथा ढ़ाबों के विद्युत बिलों पर 03 माह हेतु फिक्सड चार्ज पर छूट दिये जाने का निर्णय लिया जा चुका है, जिस पर लगभग 6 करोड़ का व्ययभार होगा।
पेयजल पर आने वाले बिल पर लगभग 2 करोड़ की राहत देने की घोषणा भी की गयी। इसके साथ ही पर्यटन उद्योग को अन्य संस्थागत लाभ दिये जाने के उद्देश्य से पेयजल विभाग व आवास विभाग को पृथक से प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये।