वीडियो : उत्तराखंड में पहली बार निकली राम बारात, नेपाल के जनकपुरी पहुंची

उत्तराखण्ड के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दो देशों के मध्य ऐतिहासिक एवं पौराणिक लोक सांस्कृतिक विरासत के आदान-प्रदान में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

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क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखण्ड की धर्म आधारित पारम्परिक एवं पौराणिक लोक सांस्कृतिक विरासत को पूरे विश्व पटल पर पहचान दिलाने में सतत् प्रयासरत् उत्तराखण्ड के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा दो देशों के मध्य ऐतिहासिक एवं पौराणिक लोक सांस्कृतिक विरासत के आदान-प्रदान हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए पहली बार देवभूमि उत्तराखण्ड से राम बारात निकाली गयी जो नेपाल के जनकपुरी जाकर सम्पन्न हुई।
महाराज ने बताया कि देवभूमि उत्तराखण्ड पहली बार इस बात की गवाह बनी है जो हमारे लिए एक सौभाग्य एवं गर्व का विषय है। हमारा यह प्रयास जहां दोनों देशों के पारस्परिक सम्बन्धों को मजबूत बनाने में सहयोगी होगा, वहीं हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को भी जोड़े रखने में कारगर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि हमारे आस्था के प्रतीक पुरूषोत्तम श्रीराम की बारात 28 नवम्बर को देवप्रयाग से शुरू होकर लखनऊ पहुंची जहां स्थान-स्थान पर राम बारात का भव्य स्वागत किया गया।

महाराज ने कहा कि पूर्व में राम बारात अयोध्या से नेपाल जाती थी जो पहली बार संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड के माध्यम से आयोजित की गयी। उन्होंने कहा कि राम बारात देवप्रयाग से जनकपुरी नेपाल तक लगभग 1067 किलोमीटर का सफर तय किया। उत्तराखण्ड से जाने वाली राम बारात 28 नवम्बर को लखनऊ पहुंची। 29 नवम्बर को बारात 351 कि.मी. का सफर तय करते हुए बुटवल पहुंची, जहां पर अयोध्या से आने वाली बारात का भी मिलन हुआ।

महाराज ने बताया कि राम बारात 30 नवम्बर को हितौता से हरिवान होकर जनकपुर पहुंची जिसमें 1 दिसम्बर को जानकी मंदिर, नेपाल में विवाह संस्कार पूरे विधि-विधान के साथ सम्पन्न किया गया। राम बारात 2 दिसम्बर को जानकी मन्दिर, जनकपुर (नेपाल) पूरे धूमधाम से विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु इस अवसर पर उपस्थित रहे।