एक्सक्लूसिव : उत्तराखंड की नौकरशाही को एक संदेश, सीएम और परिवार की सालीनता-सादगी से सीखें

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भुवन उपाध्याय

देहरादून।  उत्तराखंड की नौकरशाही को एक संदेश देने के परिपेक्ष में आपको मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनके परिवार के सदस्यों के संबंध में जानकारी साझा करते हैं। ‘क्रांति मिशन’ आपको कुछ तस्वीरों संग यह बात बताने जा रहा है कि सचिव स्वास्थ्य और चिकित्सक के प्रकरण के इतर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी व उनके परिजन सामान्य नागरिक की भांति चिकित्सा सुविधा  हेतु चिकित्सक के पास उनके अस्पताल में स्वयं जा रहे हैं जबकि प्रोटोकॉल के तहत चिकित्सक उनके आवास पर भी आ सकते हैं ।

केस – 1

सीएम धामी उपचार के लिए गए अस्पताल

एक तस्वीर सीएम धामी की है। जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथ में फ्रेक्चर हुआ था तो वो खुद सरकारी अस्पताल गये। यही नहीं मुख्यमंत्री ने खुद का उपचार कराने से पहले अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं भी परखीं। चिकित्सकों को समस्यायें दुरुस्त करने के लिए हर पल साथ होने का भरोसा दिया।

केस – 2

मुख्यमंत्री की ईजा ने अस्पताल जाकर दिखाया चिकित्सक को

दूसरी तस्वीर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ईजा (माताजी)  का है। सीएम की ईजा को डा महेश कुड़ियाल को दिखाना था। वो भी खुद डा कुड़ियाल को दिखाने गईं न कि डाक्टर साहब को घर बुलाया। अब बात यह है कि यदि बहुत आवश्यकता होने पर और डाक्टर को अस्पताल से घर बुलाना अनिवार्य हो तभी सालीनता से उन्हें बुलाया जा सकता है । पद तो आते और जाते रहते हैं । पद का रुआब दिखाना भी नहीं चाहिए।

जांच के लिए कमेटी गठित 

महत्वपूर्ण विषय…  यह भी  है कि इस प्रकरण में अभी यह क्लीयर नहीं हुआ है कि गलती किसकी है। इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने संग्यान लिया है । मुख्यमंत्री ने डा निधि का तबादला रोक दिया है और मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है ।