भुवन उपाध्याय
देहरादून। शुभ अवसर, मांगलिक कार्य के अवसर पर ‘शकुन आंखर’ … यह हमारे उत्तराखंड की पहचान है। ‘शकुन आंखर’ कार्य सिद्धि की प्रार्थना है, आशीर्वचन है। देवी-देवताओं का वंदन है, अभिनंदन है। कूर्मांचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद द्वारा आयोजित ‘घी त्यार’ के अवसर पर भारती पांडेय जी द्वारा ‘शकुन आंखर’ प्रस्तुत किया गया। श्रीमती पांडेय के साथ भाग लगा (सह प्रस्तुति लगा) रहीं हैं पारंपरिक वेशभूषा पहनीं कुर्मांचली महिलायें और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी जी की धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला जोशी। आप भी जानें कुमाऊंनी संस्कृति और परंपरा को…