क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। कहावत है … ‘कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं होती है’। गाहे-बगाहे लोग इसे तंज के रुप में इस्तेमाल करते हैं। जैसे कोई व्यक्ति गलत हरकतों से बाज नहीं आता है, आयेदिन समाज विरोधी हरकतें करता हो … अपने घर के आसपास कूडा-करकट (गंदगी करता हो) डालता हो, स्कूली बच्चों को नशा बेचता हो, सूदखोरी में संलिप्त हो, कबूतरबाजी करता हो आदि-आदि असामाजिक कार्य। यह कार्य उसकी दिनचर्या में शामिल हों। तब लोग उसके बारे में कहते हैं कि ‘कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं होती है।
क्रांति मिशन को बडी मुश्किल से आज एक ‘कुत्ता जी’ सीधी पूंछ के मिल गये। काले रंग के यह कुत्ता जी की पूंछ एकदम सीधी थी। हमने भी इनके सम्मान में ‘जी’ लगाया। आप भी साक्षात दर्शन कीजिये सीधी पूंछ वाले कुत्ता जी के। हम सकारात्मक हैं … असामाजिक कार्य करने वालों की सीधी हो जाय!