स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगी ‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना’

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मंत्रीमंडल ने दी उरेडा की कार्ययोजना को मंजूरी

क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्र पर्वतीय होने के कारण यहां के निवासियों एवं कृषकों को रोजगार/व्यवस्था के समुचित साधन उपलब्ध न होने से कृषकों द्वारा अपनी भूमि का समुचित उपयोग नहीं किया जा रहा है। इसके चलते कृषि खेती बंजर हो रही है। ऐसे में लद्यु एवं सीमान्त कृषकों तथा राज्य के बेरोजगार निवासियों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किये जाने तथा ऐसी भूमि जो कृषि योग्य नहीं है, पर सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना कर उत्पादित विद्युत को यू.पी.सी.एल. को विक्रय करने से आय के साधन विकसित किये जाने हेतु एवं युवा उद्यमियों, उŸाराखण्ड के ऐसे प्रवासियों जो कोविड-19 के कारण राज्य में वापिस आये हैं तथा लघु एवं सीमान्त कृषकों को स्थानीय स्तर पर स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु सचिव, ऊर्जा राधिका झा द्वारा ‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना’ के सम्बन्ध में 4 सितम्बर, 2020 को मंत्रीमंडल की बैठक के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया गया।
उक्त प्रस्ताव एवं उरेडा द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना पर मंत्रीमण्डल द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। सोलर फार्मिंग से उद्यमशील युवकों, ग्रामीण बेरोजगारों एवं कृषकों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान किये जाने हेतु इस

योजना के मुख्य बिन्दु निम्नवत् हैंः-

 इस योजना का नाम ‘‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना’’ होगा।
 यह योजना सम्पूर्ण राज्य में लागू होगी।
 इस योजना के अन्तर्गत 25 कि0वा0 क्षमता के ही सोलर पावर प्लान्ट अनुमन्य किये जायेंगे।
 इस योजना के अन्तर्गत पात्र व्यक्ति (राज्य के स्थायी निवासी) अपनी निजी भूमि अथवा लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लान्ट की सथापना कर सकेंगे।
 इस योजना के अन्तर्गत 10,000 परियोजनाऐं पात्र आवेदकों को आवंटित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्षवार लक्ष्यों का निर्धारण एम0एस0एम0ई0 एवं विŸा विभाग की सहमति से निर्धारित किया जायेगा।
 इस योजना के अन्तर्गत वदसपदम चवतजंस के माध्यम ये इच्छुक पात्र व्यक्तियों द्वारा आवेदन किया जा सकेगा।
 इस योजना का क्रियान्वयन उŸाराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) द्वारा किया जायेगा तथा यू0पी0सी0एल0 एवं राज्य सहकारी बैंक द्वारा सहयोगी संस्था के रूप में कार्य किया जायेगा।
 यह योजना केवल उŸाराखण्ड के स्थायी निवासियों हेतु ही मान्य होगी।
 इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के उद्यमशील युवक, ग्रामीण बेरोजगार एवं कृषक, जो 18 वर्ष से अधिक आयु के होंगे, प्रतिभाग कर सकते हैं।
 इस योजना में प्रतिभाग हेतु शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नही होगी।
 इस योजना में एक व्यक्ति को केवल एक ही सोलर पावर प्लान्ट आवंटित किया जायेगा।
 25 कि0वा0 क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना हेतु लगभग 1.5 से 2.0 नाली (300 वर्ग मीटर) भूमि की आवश्यकता होगी।
 25 कि0वा0 क्षमता तक के सयंत्र की स्थापना पर लगभग रू0 40 हजार प्रति कि0वा0 की दर से कुल रू0 10 लाख का व्यय सम्भावित है।
 उŸाराखण्ड राज्य में औसतन धूप की उपलब्धता के आधार पर 25 कि0वा0 क्षमता के सयंत्र से पूरे वर्ष में लगभग 1520 यूनिट प्रति कि0वा0 की दर से कुल 38000 यूनिट प्रतिवर्ष विद्युत उत्पदन हो सकता है।
 इस योजना में उŸाराखण्ड राज्य/जिला सहकारी बैंकों द्वारा चयनित लाभार्थियों को अनुमन्यता के आधार पर 8ः ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
 इस योजना में सयंत्र की कुल लागत का 70ः तक अंश लाभार्थी को ऋण के रूप में राज्य/जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से प्राप्त हो सकेगा तथा शेष राशि सम्बन्धित लाभार्थी द्वारा मार्जिन मनी के रूप में वहन की जायेगी।
 इस योजना के अन्तर्गत चयनित लाभार्थियों को डैडम् विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में प्राविधानित मार्जिन मनी/अनुदान एवं लाभ प्राप्त हो सकेंगे।
 सहकारी बैंक द्वारा इस योजना के अन्तर्गत 15 वर्ष की अवधि हेतु ऋण दिया जायेगा।
 इस योजना के अन्तर्गत चयनित लाभार्थियों को अपनी भूमि के भू-परिवर्तन उपरान्त डवतजहंहम करने के लिये लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर 100ः छूट प्रदान की जायेगी।
 इस योजना के अन्तर्गत चयनित लाभार्थियों को सयंत्र स्थापित किये जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय एवं स्कन्ध पादकों के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे तथा अनुमन्य राज्य एवं केन्द्रीय सहायता के अनुरूप सुविधायें उपलब्ध करायी जायेंगी, जिससे सम्बन्धित लाभार्थी अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करने एवं स्थानीय उत्पाद जैसे (अदरक, हल्दी एवं अन्य जड़ी बूटियों) की पैदावार करने से आय के अतिरिक्त श्रोत विकसित कर सकेंगे।
 उदाहरण के रूप में 25 कि0वा0 क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट पर 40 हजार प्रति कि0वा0 की दर से कुल लगभग 10 लाख का व्यय सम्भावित है।
 परियोजना लागत पर सहकारी बैंक से 70ः तक का ऋण प्राप्त हो सकेगा। शेष धनराशि लाभार्थी द्वारा मार्जिन मनी के रूप में वहन की जायेगी।
 25 कि0वा0 क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट से वर्षभर में अनुमानित 38,000 यूनिट विद्युत उत्पादन हो सकेगा।
 इस योजना केे आवेदकों को परियोजना का आवंटन जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा।