Big News… वन मंत्री उत्तराखण्ड सुबोध उनियाल बोले – जंगल बचाने में सामुदायिक सहभागिता पर विशेष ध्यान देना होगा

0
360
  • “लघु वनोपज से आत्मनिर्भरता” विषय पर भोपाल में  आयोजित कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वनों की 
  • जंगल को लोगों की आजीविका से कैसे जोड़ा जाये और जंगल को कैसे बचाया जाये, यह आज के समय का सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न है : सुबोध

क्रांति मिशन ब्यूरो

मध्य प्रदेश/देहरादून (उत्तराखंड)।  मध्य प्रदेश के वन विभाग व राज्य लघु वनोपज (व्यापार व विकास) सहकारी संघ मर्यादित के संयुक्त तत्वावधान में “लघु वनोपज से आत्मनिर्भरता (MFP for self-reliance)” विषय पर भोपाल में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ वन भाषा, निर्वाचन, तकनीकी शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सुबोध उनियाल के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस कांफ्रेंस में नेपाल, इंडोनेशिया, भूटान देश के विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। अन्य देशों के साथ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देश के अन्य राज्यों उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश छत्तीसगढ़, कर्नाटक महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश के विषय विशेषज्ञ, अधिकारीगण, एकेडेमिक और इंडस्ट्री एक्सपर्ट शामिल हुए।

वन मंत्री उत्तराखण्ड सुबोध उनियाल ने कहा कि जंगल को लोगों की आजीविका से कैसे जोड़ा जाये और जंगल को कैसे बचाया जाये, यह आज के समय का सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न है। जैसे कि जंगल का निर्माण समुदाय के आपसी सहयोग से हुआ है, उसी प्रकार हमें जंगल बचाने में भी सामुदायिक सहभागिता पर विशेष ध्यान देना होगा। हमें नीतियों को व्यावहारिक बनाना होगा। गाँव के लोगों को वनोपज पर अधिकार मिले एवं उसे बाज़ार तक ले जाने में ग्राम समितियां उनकी मदद करें, ऐसी प्रणाली विकसित करनी होगी। उन्होंने कांफ्रेंस में विभिन्न आयुर्वेदिक एवं वन शिक्षण संस्थानों से सम्मिलित विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि दुनिया का कोई लक्ष्य आपकी हिम्मत से बढ़ा हो ही नहीं सकता।

वन मंत्री, उत्तराखण्ड ने अनुसंधान और विकास कार्यों पर जोर देते हुए कहा कि आज की सबसे ज्यादा जरुरत अनुसंधान और विकास कार्य हैं और इन कार्यों को जनता के हितोउन्मुखी होना चाहिए। हमारे देश की जैव एवं कृषि जलवायुविक विविधतता को ध्यान में रखते हुए नीतियों को बनाने की जरुरत है और नीतियों में व्यवहारिक सोच लानी पड़ेगी। अगर हमने अपनी व्यवहारिक सोच और नीति बना ली तो हिन्दुस्तान आयुष के माध्यम से दुनिया को दिशा देकर ध्वजवाहक बन सकता है।

उल्लेखनीय है कि लघु वनोपज के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य का महत्वपूर्ण स्थान है। राज्य में लघु वनोपज के संग्रहण व प्रसंस्करण का जिम्मा वन विकास निगम को है। उत्तराखण्ड वन विकास निगम में महाप्रबंधक श्री राहुल, IFS ने विभाग की तरफ से सत्र में प्रतिभाग किया।

वन मंत्री ने मेले में विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने लघु वनोपज संघ के कार्यों की सराहना कर उत्साहवर्धन कर मेले के सफल आयोजन के लिए सभी को प्रोत्साहित किया।

शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ के. रविचंद्रन, डायरेक्टर, भारतीय वन प्रबंध संस्थान (IIFM भोपाल) के द्वारा की गई। कार्यक्रम में रमेश कुमार गुप्ता प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, पुष्कर सिंह- प्रबंध संचालक लघु वनोपज संघ, डॉ. माधव कार्की जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण सलाहकार, नेपाल सरकार, एवं विभाष ठाकुर अपर प्रबंध संचालक लघु वनोपज संघ (व्यापार) भी उपस्थित रहे।