वीडियो … आंखें नहीं पर पंरपरागत कला को जीवित रखे हुए हैं यह दंपति

आप भी सुनें उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक संत राम और उनकी धर्मपत्नी आनन्दी को,  अपने गीतों से श्रोताओं का दिल जीतने वाले संतराम को है मदद की दरकार,  पहाड़ को भले ही अपनी आंखों से न देखा पर लोगों के कानांे को खूब भाती है उनकी आवाज

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भुवन उपाध्याय
अल्मोडा। अपनी जादुई आवाज से सबका दिल जीतने वाले उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक संत राम और उनकी धर्मपत्नी आनन्दी मुश्किल में हैं। वृद्धावस्था में पहुंच चुके दंपति की एक तो आंखें नहीं ऊपर से आर्थिक तंगी। जन्म से ही मुश्किलों से जूझते आ रहे संतराम और श्रीमती आनंदी जन्म से आंखों में रोशनी नहीं होने से इस खूबसूरत संसार को देखने से महरूम रह गए लेकिन ईश्वर ने उन्हें खूबसूरत आवाज दी। दोनों ने खूबसूरत आवाज जन-जन तक पहुंचाई। इसी मधुर आवाज के भरोसे अपना जीवन यापन करने वाले संत राम बचपन से ही मेलों, बाजारों में अपने गीतों से लोगों को खुश करते रहे।
90 के दशक में संतराम के गीत आकाशवाणी से भी प्रसारित किए गए। संत राम के गीतों ने ही उन्हें पहचान दिलाई। एक रोज गीत गाते गाते, उन्हें जीवनसाथी के रूप में आनन्दी मिल गई। आनन्दी का बचपन भी कुछ यों ही बीता था। दोनों की सुरीली आवाज ही तो थी जो उन्हें साथ जीवनयापन करने में मददगार बनी। दोनों ने एक-दूसरे के भरोसे जीवन रूपी गाड़ी को आगे बढ़ाया और मेलों, बाजारों में घूम घूमकर श्रोताओं का दिल जीता और अपना गुजारा भी किया। लेकिन अब परिस्थितियां और भी प्रतिकूल हैं। बुढ़ापा अब उन्हें और चल फिरने नहीं देता। अब वे जनपद अल्मोड़ा के भैसियाछाना ब्लॉक मुख्यालय धौलछीना में एक कमरे में जीवन यापन कर रहे हैं। इधर-उधर न जा पाने की स्थिति में अब जो भी श्रोता या मददगार उनके पास पहुंचता है और उन्हें जो भी बख्शीश देता है वे उसे खुशी खुशी स्वीकार कर लेते हैं और बदले में मधुर गानों से उसका स्वागत तो करते ही हैं साथ ही खूब आशीर्वाद भी देते हैं।
कला के धनी इस युगल दंपति की परेशानियों की जानकारी होने पर ‘कलश कलाश्री’ सोसायटी के अध्यक्ष के केएन पांडेय और दीवान कार्की धौलछीना स्थित उनके आवास पर गए और उनकी मदद को हाथ आगे बढाया। इनकी आर्थिक सहायता के लिए इनके नाम से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम दिल्ली के प्यारे लाल भवन में आयोजित किया गया। संत राम और आनन्दी कार्यक्रम में पहुंच तो नहीं पाए पर उनकी आर्थिक सहायता के साथ साथ उनके खानपान की व्यवस्था धौलछीना स्थित एक होटल से की गई है। भोजन व्यवस्था में एक स्वयं सहायता समूह भी मदद के लिए आगे आया तब से उनके भोजन की व्यवस्था इसी होटल नियमित रूप से की जा रही है। भोजन व्यवस्था और रहने के लिए कमरे की व्यवस्था से कलाकार दंपति खुश हैं। पानी की व्यवस्था के लिए भी होटल स्वामी दरबान सिंह रावत से बातचीत की। उन्होंने सभी व्यवस्थाएं करने का आश्वासन भी दिया। दीवान कार्की ने श्रोताओं, समाजसेवियों और कलाप्रेमियों से निवेदन किया है कि वे इन कलाकारों की मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाएं।