Good News… शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रयासों से स्कूलों को मिले शिक्षक, श्रीनगर विस के 37 स्कूलों में मिले 49 शिक्षक

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  • दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की तैनती से क्षेत्रीय लोगों में खुशी
  • दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में तैनाती होने से सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था

क्रांति मिशन ब्यूरो

श्रीनगर। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की श्रीनगर विस के दुर्गम क्षेत्र के 37 ऐसे इंटर कॉलेज है, जहां वर्षो बाद 49 शिक्षकों को तैनाती मिल पायी है। दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती करने के लिए प्रदेश के शिक्षा मंत्री का यह बेहतर कदम बताते हुए क्षेत्रीय लोगों ने खुशी जताते हुए शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार प्रकट किया है। कहा कि अब क्षेत्र के स्कूली बच्चों को महत्वपूर्ण विषयों को पढ़ने के लिए दिक्कतें नहीं उठानी पड़ेगी और नौनीहालों के भविष्य भी सुधरेगा।

श्रीनगर विस के थैलीसैण, खिर्सू, बीरोखाल, पाबौं के दूरस्थ क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती होने के बाद यहां के छात्र-छात्राओं को व्यायाम से लेकर अंग्रेजी की पढ़ाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। शिक्षा मंत्री की विस के अन्तर्गत स्कूलों में हिंदी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, व्यायाम, गृह विज्ञान विषयों पर टीचरों की नियुक्ति हुई है। क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती करने पर क्षेत्रीय लोगों ने खुशी जताते हुए कहा कि उक्त स्कूलों में शिक्षकों के महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षकों की कमी थी, जो आज पूरी हुई।

इन स्कूलों में मिली शिक्षकों को तैनाती

राइंका तरपालीसैण, भरनों, कुटखाल, पैठानी, उल्ली, तलियां, चोलोसैण, बूंगीधार, कठूडखाल, चौरीखाल, देवधार, चाकीसैण, मासों, कालों, चोपताखाल, अंताखोली, खंडमल्ला, चोपड़ा, मुसेठी, खिर्सू, जाख, तल्ली, डडोली, जसपुर, रिस्ती, निसणी, उफरैखाल, बगवाड़ी, गुलियारी, थलीसैण, डुलमोट, कपरोली, ढौण्ड, पलाण, बड़ेथ, चिपलघाट, डांग बसोला।

बेहतर शिक्षा के लिए लगातार प्रयास कर रही सरकार : शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस संबंध में कहा  ”शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सरकार शिक्षकों की तैनाती से लेकर स्कूलों को चटाई मुक्त कर बच्चों को बैठने के लिए कुर्सी-मेज की व्यवस्था करने, कंप्यूटर कक्ष देने, बेहतर लैब बनाने, स्कूलों के भव्य भवनों का निर्माण सहित कई कार्य शिक्षा के क्षेत्र में कर रही है। ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सके और छात्रों का भविष्य सुधर सके।