रंग ला रही सरकार की कोशिश… केदारनाथ से लिनचोली के लिए रवाना किए 400 यात्री, चौमासी ट्रैक पर रवाना 110 यात्री सुरक्षित पहुंचे चौमासी, मुख्यमंत्री धामी स्वयं पिछले 72 घंटों से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की कर रहे हैं मॉनिटरिंग

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क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सीईओ बीकेटीसी योगेंद्र सिंह ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन केदारनाथ धाम में फंसे हुए यात्रियों 373 यात्रियों, स्थानीय लोगों एवं मजदूरों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की मदद से लिनचोली तक पहुंचाने के लिए रवाना कर दिया गया है। लिनचोली से एयर लिफ्ट कर इन सभी को रेस्क्यू किया जाएगा।

वहीं केदारनाथ हैलीपैड पर अभी 570 यात्री, स्थानीय लोग और मजदूर एयर लिफ्ट होने का इंतजार कर रहे हैं। केदारनाथ में सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन, बीकेटीसी और तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा फूड पैकेट्स, पानी की बोतलें, फल उपलब्ध कराए जा रहे हैं।‌

उधर रामबाड़ा चौमासी ट्रैक से एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ द्वारा 110 यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचा दिया गया है। ट्रैक पर सुरक्षा बलों द्वारा यात्रियों को लगातार फूड पैकेट्स, पानी सहित चिकित्सा उपचार उपलब्ध करवाया गया। अब तक इस मार्ग से 534 से अधिक यात्रियों एव स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों के लिए ट्रॉली से शुरू हुआ रेस्क्यू, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एव पुलिस अधीक्षक विशाखा लगातार कर रहे निरीक्षण

रूद्रप्रयाग। श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एव पुलिस अधीक्षक विशाखा मौके से लगातार सभी कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। जिला प्रशासन सहित, सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एव पुलिस के जवान पूरे रेस्क्यू में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

6 ग्रेनेडियर यूनिट सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाने के लिए सेना एव अन्य सुरक्षा बल तत्परता से कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना ने एक ट्रॉली स्थापित कर दी है। रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के अलावा कई बुजुर्ग एव घायलों को इससे रेस्क्यू किया गया। इसके अलावा सेना के कुछ जवान भीमबली के समीप वाश आउट हुए रास्तों का मुआयना भी कर चुके हैं। इन रास्तों को पुनर्स्थापित करने की योजना तैयार की जा रही है। वहीं डॉग टीम स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान भी शुरू कर चुकी है।जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को वाश आउट क्षेत्रों में सुरक्षा दीवार एव पुश्तों का निर्माण जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए। खाद्य विभाग को सभी स्थानों पर फूड पैकेट्स, पानी एव भोजन व्यवस्था निरंतर करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा कमांडेंट एनडीआरएफ सुदेश कुमार, एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा पूरे रेस्क्यू पर नजर बनाए हुए हैं।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देशानुसार हैली सेवाओं से पहुंचाया गया पशुओं का चारा

प्रशासन इंसानों के साथ ही बेजुबान जानवरों के लिए भी संवेदनशीलता के साथ लगातार कार्य कर रहा है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा यात्रा मार्गों पर फंसे हुए घोड़े खच्चरों के लिए साढ़े चार टन पशु चारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाया जा चुका है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि गौरीकुंड क्षेत्र के पशु पालकों के लिए चीरबासा हेलीपैड पर साढ़े चार टन पशु चारा अब तक पहुंचाया जा चुका है। घोड़े खच्चर संचालक अपने पशुओं का लाइसेंस या अन्य प्रपत्र चीर बासा हेलीपैड पर प्रशासन की टीम को दिखाकर पशु आहार प्राप्त कर सकते हैं।