देखें वीडियो … अप्रवासियों को अपने ‘मुलूक’ की याद दिलाएगा यह गीत

महज 6 मिनट में हमारे प्यारे ‘देवभूमि उत्तराखंड’ के दिव्य दर्शन करा गये रमेश भट्ट,  उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार की विदेशों में बसे उत्तराखंडियों को जडों से जोडने का नायाब तरीका

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भुवन उपाध्याय
देहरादून। परदेश में जाकर बस चुके ‘प्रियजनों’ को अपनी माटी, अपने गांव, अपने खेत-खलिहान, अपनी संस्कृति याद दिलाने और उन्हें फिर से अपनी ‘जडों’ से जोडने के लिये उत्तराखंड के बेटे रमेश भट्ट ने नायाब तरीका अपनाया है। रमेश भट्ट ने ‘जै जै देवभूमि’ वीडियो गीत के जरिये महज 6 मिनट में उत्तराखंड के आध्यात्म, नैसर्गिक सौंदर्य, हमारी संस्कृति और हमारी माटी को खूबसूरत अंदाज में प्रस्तुत किया है। यह वीडियो गीत महज एक गीत न होकर परदेश में बसे हमारे अपनों को ‘घर’ की याद दिलाने के लिये मुफीद साबित होगा और उजडे हुये उत्तराखंड के कई वीरान गांवों में फिर से बहार लायेगा।
वरिष्ठ पत्रकार एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट के वीडियो गीत ‘जै जै हो देवभूमि’ खाली हो चुके पहाड के कई सूने आंगनों में फिर जान भरेगा यह उम्मीद है। बकौल रमेश भट्ट … ‘हां मेरा मकसद अपनों को फिर से अपनी माटी से जोडने का छोटा सा प्रयास है।’ रमेश भट्ट के मुंह से यह बात सुनते ही उनका लक्ष्य एकदम क्लीयर होता है। रमेश भट्ट चाहते हैं कि रोजी-रोटी समेत अन्य कारणों के चलते उत्तराखंड के बेटे विदेशों में जहां कहीं भी बस चुके हैं वे एक बार जरूर अपने गांव अपनी माटी को प्रणाम करने आयें। कहते हैं एक बार यदि कोई अपने गांव आया तो यहां की खूबसूरती, यहां का ‘अपनापन’ बरबस उसे अपनी माटी से जोड लेगा। रमेश भट्ट की इस प्यारी सी मुहिम का हिस्सा हम भी बनें यह बात विदेशों में बसे हमारे अपनों तक पहुंचे यह क्रांति मिशन का ‘मिशन’ है।

क्रांति मिशन की अपील … माटी का कर्ज उतारें विदेशों में बसे हमारे ‘लाल’

बेसक अपने रोजगार और तरक्की के लिये लोग विदेशों में रहें वहां पर खूब तरक्की करें लेकिन अपनी माटी से भी जुडे रहें। साल में कभी कभार अपने गांव आयें और अपनों के बीच कुछ पल गुजारें। यहां की तरक्की में अपनी सहभागिता निभायें। माटी और पुरखों का कर्ज उतारें।

सुनें … रमेश भट्ट द्वारा गाया ‘जै जै देवभूमि’ वीडियो गीत