उत्तराखंड: पलायन रोकने के लिये संचालित योजनाएं नीति आयोग के समक्ष रखेंगे

दिसंबर में सदस्य नीति आयोग के प्रस्तावित दौरे की तैयारियांे को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पलायन रोकने की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण

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क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड में पलायन रोकने के लिये राज्य सरकार की ओर से और केंद्र की मदद से संचालित योजनाओं को केंद्र सरकार तक पहुंचाने, केंद्र से आर्थिक सहायता समेत तमाम बातें नीति आयोग के समक्ष रखी जायेंगी। दिसंबर माह में सदस्य नीति आयोग, भारत सरकार के उत्तराखंड के प्रस्तावित दौरे और यहां होने वाली बैठक की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस संबंध में तैयारी के लिये मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के सम्बन्ध में किए जा रहे प्रयासों तथा भविष्य की कार्ययोजना पर चिकित्सा, वन, शिक्षा, ग्राम्य विकास, लोक निर्माण विभाग, पेयजल, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, खाद्य एवं रसद, पर्यटक, उद्योग तथा कौशल विकास विभागांे के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। विभागों द्वारा पलायन रोकने हेतु कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया।
मुख्य सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर सीमान्त विकासखण्ड के गांवों का पलायन रोकने के लिए विभाग में संचालित योजनाओं पर ठोस कार्ययोजना नीति आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने सीमान्त विकासखण्ड के 50 प्रतिशत से अधिक पलायन वाले चिन्ह्ति 284 गांवों में रोजगारपरक एवं आर्थिक संसाधन बढ़ाने से सम्बन्धित कार्यों को कार्ययोजना मे शामिल करने के निर्देश दिये। उन्होंने पलायन आयोग द्वारा दी गई संस्तुतियों को समावेशित करते हुए इन चिन्ह्ति गांवों को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये।
पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस. नेगी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग ईकाई एवं आजिविका ध् रोजगार सृजन आधारित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में प्रभावी पैरवी करने की मुख्य सचिव से अपेक्षा की गई। उन्होंने कहा कि पलायन वाले गांवों में युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर एमएसएमई के माध्यम से दिलाये जा सकते हैं और पूर्व में इस योजना से पलायन रोकने में बेहतर परिणाम आये हैं।
वित्त सचिव अमित नेगी ने नीति आयोग के समक्ष ठोस कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिक पलायन वाले गांवों में जीवन निर्वाह ध् रोजगार सृजन, गुणवत्ता युक्त शिक्षा, बेहतर चिकित्सा सेवाएं देने हेतु सम्बन्घित विभाग ठोस कार्ययोजना बनाएं।
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार द्वारा अवगत कराया गया कि विभाग द्वारा पलायन रोकने के लिए कार्ययोजना में मनरेगा के अन्तर्गत 100 दिन का रोजगार शत् प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण, क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार तकनीकि प्रशिक्षण एवं नियोजन, दक्ष युवाओं को प्लेसमेंट सुविधा दिलाने को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा नई योजना के अन्तर्गत विभाग में 15 ग्रोथ सेन्टर स्थापित किये गये हैं तथा आवश्यकता अनुसार इनकी स्थापना का कार्य गतिमान है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर द्वारा कार्ययोजना के प्रस्तुतीकरण के दौरान अवगत कराया गया कि पलायन के दृष्टिगत पर्यटन विभाग द्वारा होम स्टे योजना के प्रोत्साहन एवं नये पर्यटक स्थल एवं उनके स्थापना विकास, पर्यटन कार्यकलापों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किये जा रहे हैं।
निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल द्वारा बताया गया कि उद्योग विभाग द्वारा 50 प्रतिशत से अधिक पलायन वाले चिन्ह्ति गांवों में एमएसएमई योजनाओं का प्रचार प्रसार एवं सुविधा को कार्ययोजना में लिया गया है। उन्होंने बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकेबिल प्रोजेक्ट की आवश्यकता को देखते हुए युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा विभाग द्वारा 12 ग्रोथ सेन्टर भी स्थापित किये गये हैं। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा लोक निर्माण विभाग की योजनाओं पर प्रकाश डाला गया। बैठक में प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, सचिव शिक्षा आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव पर्यटन श्रीमती सोनिका सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।