उत्तराखंड: पशुपालकों की आय बढाने के लिये सरकार ने किया यह

कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं का मानदेय तय, दुग्ध व्यवसाय में होगी वृद्धि: पशुपालन मंत्री

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क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। पशुपालकों की आय में वृद्धि करने के लिये उत्तराखंड सरकार ने कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं (पैरावेटों) का मानदेय तय किया है। सरकार का लक्ष्य किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के साथ साथ दुग्ध उत्पादन में बढोत्तरी करना है। पहाडों में पैरावेटों को 5 हजार रूपये तो मैदानी क्षेत्रों में 4 हजार रूपये मानदेय दिया जाएगा।
पशुपालन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश में करीब 11.20 लाख देसी नस्ल के पशु हैं। इन पशुओं की दूध देने की क्षमता औसतन प्रतिदिन 2.5 किलोलीटर है। उन्होंने कहा कृत्रिम गर्भाधान से दूध देने की क्षमता प्रतिदिन 7.13 किलोलीटर बढ सकती है। मंत्री ने कहा इससे पशुपालकों की आय में बढोत्तरी होगी। उन्होंने कहा वर्तमान में प्रदेश में कृत्रिम गर्भाधान का प्रतिशत 30 फीसदी ही है इसे बढाकर 70 प्रतिशत तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है।
मंत्री ने कहा पशुपालकों की आय में वृद्धि करने के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में पैरावेटों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसी के चलते सरकार ने पैरावेटों को प्रति कृत्रिम गर्भाधान 50 रूपये तय किया है। पहाडों में 5 हजार तो मैदानी इलाकों में 4 हजार रूपये पैरावेटों का मानदेय सरकार की तरफ से तय किया गया है।

मंत्री का आभार जताया और सरकार के फैसले को सराहा

त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल के द्वारा मानदेय को मंजूरी देने से पैरावेट उत्साहित हैं। पैरावेट वेलफेयर एसोसिएशन ने विधानसभा में पशुपालन मंत्री रेखा आर्या से मुलाकात की और उनका आभार व्यक्त किया। पैरावेटों ने सरकार के इस निर्णय की सराहना की। एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा हम लोग लंबे समय से मानदेय की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा प्रदेश के 300 से अधिक पैरावेटों को सरकार और मंत्री की तरफ से होली का तोहफा दिया गया हैं उन्होंने वादा किया कि सरकार के पशुपालकों की आय बढाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिये पैरावेट पूरे मनोयोग से कार्य करेंगे। इस दौरान एसोसिएशन के महासचिव सुदेश चौहान, उपाध्यक्ष अनिल चौधरी, सचिव सीता राम नौटियाल, कोषाध्यक्ष अरविंद चौहान, मीडिया प्रभारी विकास चौधरी आदि मौजूद रहे।