कबड्डी का मुकाबला हुआ रोमांचक, डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून ने बाजी मारी

0
164
  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, देहरादून महानगर उत्तर द्वारा आयोजित दो दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता का समापन हुआ

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, देहरादून महानगर उत्तर द्वारा आयोजित दो दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता का समापन हुआ। आज प्रातः 8 टीमों में क्वार्टर फाइनल मैच प्रारंभ हुए ततपश्चात पहला सेमीफाइनल मैच मसूरी नगर तथा एमपीजी कॉलेज मसूरी व दूसरा मैच डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून व तपोवन नगर के बीच खेला गया । जिसमें से एमपीजी कॉलेज मसूरी तथा डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून में रोमांचक फाइनल मुकाबला रहा और डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून विजय प्राप्त की व प्रथम स्थान प्राप्त किया।

खेलों से राष्ट्रीयता की भावना को पुष्ट करने का भाव रहता है : संजय

इस अवसर पर सह प्रांत प्रचार प्रमुख संजय जी ने उपस्थित खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में खेले जाने वाले खेलों से राष्ट्रीयता की भावना को पुष्ट करने का भाव रहता है। कबड्डी का खेल भी हमें अपनी टीम के लिए खेलने वाली टीम के लिए संघर्ष करने का भाव उत्पन्न करता है। यही भाव हमें हमेशा देश के लिए कार्य करना व संघर्ष करने की ओर प्रेरित करता है। इस प्रकार के आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों को समाज के युवाओं में लोकप्रिय करता है।

कार्यक्रम के अंत में महानगर संघचालक चंद्रगुप्त विक्रम जी ने इस आयोजन में उपस्थित सभी अतिथियों व सभी खिलाड़ियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने सभी सहयोगियों का भी आभार व्यक्त किया जिनके अथक प्रयास व सहयोग से इस कार्यक्रम को सफल किया गया। कबड्डी प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में तपोवन नगर के विजेंद्र चौहान को प्रदान किया गया। प्रथम स्थान की ट्रॉफी व नगद पुरस्कार डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून,द्वितीय स्थान पीजी कॉलेज मसूरी तथा तृतीय स्थान तपोवन नगर को प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम में प्रांत व्यवस्था प्रमुख सुरेंद्र मित्तल, विभाग कार्यवाह अनिल नंदा, उदयपाल सिंह (विभाग बौद्धिक प्रमुख), उमादत्त सेमवाल (विभाग सेवा प्रमुख) रविंद्र चौहान (सह विभाग कार्यवाह) सह प्रांत शारीरिक प्रमुख आशीष ओबरॉय, महानगर प्रचारक राकेश, महानगर कार्यवाह अरूण शर्मा, सह महानगर कार्यवाह भानु चमोली, सुरेंद्र चौहान, गंभीर रावत, प्रेम चमोला, हरीश रतूड़ी, मनोज रयाल, रूपक पुरी, आनंद प्रकाश, बलदेव पराशर, सुमन आदि उपस्थित रहे।