बंपर रोजगार : तकनीकी शिक्षा विभाग में मंत्री सुबोध उनियाल ने 101 अनुदेशकों एवं एक पुस्तकालय अध्यक्ष को बांटे नियुक्ति पत्र

0
27
  • उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा तकनीकी शिक्षा विभागान्तर्गत राजकीय पालीटेक्निक संस्थाओं में ‘कर्मशाला अनुदेशक’ के पद हेतु चयनित अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम

क्रान्ति मिशन ब्यूरो

देहरादून। तकनीकी शिक्षा, वन, भाषा, निर्वाचन मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रावधिक शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड के अधीन राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थाओं में चयनित कार्मशाला अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र बांटे। नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में सुबोध उनियाल ने नवनियुक्त 101 अनुदेशकों एवं एक पुस्तकालय अध्यक्ष को बधाई एवं शुभकामनाए दी और कहा हमारी सरकार द्वारा यशस्वी प्रधानमंत्री जी एवं मा0 मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में युवाओं को रोजगार देने के लिए अथक प्रयास किये गये हैं। राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरियों के साथ-साथ विभिन्न पॉलीटेक्निकों एवं इंजीरियरिंग कालेजों में कैम्पस प्लेसमेंट, रोजगार मेलों, ऑनलाईन प्लेसमेंट सेल आदि के माध्यम से विभिन्न उद्योगों मे रोजगार उपलब्ध कराये जा रहे हैं।

मंत्री के द्वारा अवगत कराया गया कि विगत् वर्ष 2022-23 में पॉलीटेक्निकों में अध्ययनरत छात्रों में से 65 प्रतिशत छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस वर्ष विभाग द्वारा 75 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है। दिनांक 08 जून 2023 को मुख्य सेवक सदन में आयोजित वृहद रोजगार नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मा0 मुख्यमंत्री जी के कर कमलों से 30 कम्पनियों में चयनित 272 छात्र-छात्राओं को नियुक्ति पत्र वितरित किये गये। इसके अतिरिक्त 19 फरवरी 2024 को भी 45 सहायक लेखाकारों को भी नियुक्ति पत्र वितरित किये गये।

मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग को इतनी बड़ी संख्या में (101) कर्मशाला अनुदेशक एवं 01 पुस्तकालय अध्यक्ष मिलने जा रहे हैं। हम सब जानते हैं कि आज के युग में गुणवत्तापरक प्रशिक्षण देना महत्वपूर्ण है। हमें अपने डिप्लोमाधारियों को प्रयोगात्मक प्रशिक्षण देकर इतना हुनरमन्द बनाना है कि वे देश में ही नहीं, अपितु विदेश में भी अपनी कौशलता को दिखाकर नया मार्ग प्रशस्त करें। उन्होंने आशा व्यक्त की नये कर्मशाला अनुदेशक नवीन तकनीकी के माध्यम से छात्रों को नवीन प्रशिक्षण देकर रोजगार की दिशा में उच्च कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार नई तकनीकियों का प्रयोग करते हुए प्रदेश में डिजिटल क्रान्ति लाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम प्रदेश को हर क्षेत्र में विकसित करते हुए जनमानस की समस्याओं का पारदर्शितापूर्ण निराकरण कर गुड गवर्नेंस के साथ राज्य सरकार के विकल्प रहित संकल्प पर उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मंत्री ने कहा तकनीकी शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे बेरोजगारी के ऐसे समय में, युवा अपने तकनीकी कौशल से नौकरी या स्वरोजगार अपना सकते है। हमारी सरकार का लक्ष्य राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को तकनीकी शिक्षा प्रदान कर रोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराकर राष्ट्र एवं राज्य को उन्नत बनाना है। उन्होंने कहा सरकार ने राजकीय पालीटेक्निक नरेन्द्रनगर में इन्टीग्रेटेड संस्थान की स्वीकृति प्रदान की है, जिसमें युवा डिप्लोमा के पश्चात् शैक्षिक सत्र 2024-25 से बीटेक पाठ्यक्रम में प्रवेश पा सकेंगें। इसी प्रकार सरकार ने राजकीय पालीटेक्निक नैनीताल में बी.फार्मा. पाठ्यक्रम की स्वीकृति प्रदान की है जिसमें युवा डी0फार्मा0 के पश्चात् शैक्षिक सत्र 2024-25 से बी0फार्मा0 पाठ्यक्रम में प्रवेश पा सकेंगे। इसी प्रकार सरकार ने आई0आर0डी0टी0 आमवाला देहरादून में डिप्लोमा इन ‘एयरक्राफ्ट मेन्टीनेन्स इंजीनियरिंग’ पाठ्यक्रम की स्वीकृति प्रदान की है जिसमें शैक्षिक सत्र 2024-25 से संचालित किया जाना प्रस्तावित है।

तकनीकी शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य राज्य में तकनीकी शिक्षा का प्रसार एवं विकास करना, उद्योगों एवं सरकारी सेवा हेतु दक्ष तकनीकी कौशल मानवशक्ति की मांग के सापेक्ष उनकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराना है, जो छात्र-छात्राएं तकनीकी संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें उच्च एवं नवीनतम तकनीकी में प्रशिक्षित किया जा सके, ताकि वे प्रशिक्षण के उपरान्त सीधे राष्ट्र एवं राज्य के विकास की मुख्य धारा में जुड़कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें। इस क्रम में उत्तराखण्ड सरकार, उद्योगों एवं सेवा क्षेत्र की आवश्यकता को देखते हुए प्रदेश के सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में तकनीकी शिक्षा के प्रसार एवं विकास के लिए पॉलीटेक्निक संस्थानों की स्थापना करती रही है।

मंत्री ने बताया कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का जो स्वप्न भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने का है, उसको भारत सरकार की ‘मेक इन इण्डिया’, रक्षा क्षेत्र, विनिर्माण क्षेत्र, नयी उद्योग नीति, नयी शिक्षा नीति 2020, कृषि क्षेत्र, निर्यात क्षेत्र, अंतरिक्ष जैसी अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं-कार्यक्रमों के माध्यम से पूर्ण करने का लक्ष्य तैयार किया गया है। उस स्वप्न को साकार करने में देश के हर नागरिक एवं हर युवा की महती भूमिका होने वाली है। मंत्री ने आशा व्यक्त की सभी जीवन में नव परिवर्तन अनुकूलन के सिद्धांत पर आगे बढ़ते हुए अपनी कार्य कुशलता से अपने विभाग एवं प्रदेश की उत्तरोत्तर प्रगति में सहायक सिद्ध होंगे।

कार्यक्रम अध्यक्ष विधायक राजपुर खजान दास ने कहा ‘चयनित कर्मशाला अनुदेशक’ को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है, को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुये बताया कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के कुशल निर्देशन में जहाँ उत्तराखण्ड राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में बहुत से विकास कार्य हो रहे हैं। वहीं मा0 तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल जी के कुशल निर्देशन में तकनीकी शिक्षा विभाग निरन्तर नये आयाम स्थापित कर रहा है। सरकार द्वारा जहाँ तकनीकी शिक्षा के प्रसार एवं विकास हेतु इस पर्वतीय राज्य के सुदूर अँचलों में पालीटेक्निकों की स्थापना की गयी है। वहीं समय और उद्योगों की मांग से अनुरूप तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा अनेक नये रोजगारपरक उन्नत पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये जा रहे हैं।

दास ने कहा उत्तराखण्ड इन्वेस्टर्स समीट मंे राज्य में नये उद्योग-सेवा आदि के क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों के धरातल पर क्रियान्वयन होने से राज्य में रोजगार का ग्राफ नयी ऊँचाई को प्राप्त होगा, जो राज्य में विकास की नयी बयार लायेगा, इस दिशा में सरकार का प्रयास निरंतर जारी है। विधायक के द्वारा विश्वास व्यक्त किया गया कि सरकार के ऐसे कदम से जहांँ राज्य के युवाओं को नजदीकी संस्थान में नये नये उन्नत पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा, वहीं युवाओं को रोजगार के नये-नये अवसर सुलभ होंगे।

सचिव तकनीकी शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड रविनाथ रमन ने सभी का अभिनन्दन किया। कार्यक्रम के आयोजन की प्रेरणा देने के लिए मंत्री सुबोध उनियाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा आज युवाओं में बहुत उत्सुकता, उमंग एवं जोश परिलक्षित हो रहा है। तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए यह असीम प्रसन्नता का विषय है कि इतनी बड़ी संख्या में (101) कर्मशाला अनुदेशक मिलने जा रहे हैं, जिससे पालीटेक्निक संस्थानों में ए0आई0सी0टी0ई0 के मानकों के अनुरूप अनुदेषकों की कमी को दूर करने के साथ-साथ तकनीकी शिक्षण-प्रशिक्षण के कार्य में आशातीत सफलता मिलने जा रही है। एक पुस्तकालयाध्यक्ष को भी नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है वे भी बधाई की पात्र हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की सरकारी नौकरियों के अतिरिक्त पालीटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों मेें अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को रोजगार हेतु विगत् वर्ष 2022-23 से हमने रोजगार मेलों का आयोजन प्रारम्भ किया है। विभिन्न सैक्टर की कई कम्पनियांे द्वारा रोजगार मेलों में प्रतिभाग किया गया, चाहे वह आई0टी0 सैक्टर हो या फिर मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर, सेवा का सैक्टर हो या फिर हैल्थ केयर सैक्टर। सभी सैक्टरों से सम्बन्धित विभिन्न पाठ्यक्रमों के 65ः छात्र-छात्राओं कोे रोजगार मिला। हमारा प्रयास है कि इस वर्ष 2023-24 में इसमें और बढ़ोतरी कर 75 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है।

तकनीकी शिक्षा विभाग का प्रमुख उद्देश्य देश एवं राज्य के युवाओं को विभिन्न उन्नत तकनीकी विधाओं में प्रशिक्षण प्रदान करना है। तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाआंे को कैरियर एवं रोजगार के विभिन्न आयामों में अवसर उपलब्ध होते हैं। तकनीकी शिक्षा युवाओं में स्वतन्त्र एवं स्वयं से सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देती है। तकनीकी शिक्षा छात्रों की बौद्धिक क्षमता को प्रभावी ढंग से बढ़ाने का कार्य भी करती है। यह छात्रों को मात्र परीक्षाओं के लिए अध्ययन करने और उन्हें उत्तीर्ण करने के बारे में नहीं अपितु आज के परिदृश्य में युवाओं को तकनीकी रूप से सोचने की क्षमता को बढ़ावा देती है। ‘तकनीकी शिक्षा’ हमारी शिक्षा प्रणाली का एक प्रमुख हिस्सा है जो प्रदेश एवं राष्ट्र के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा तकनीकी शिक्षा मंत्री जी के निर्देशन में हम लोग तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करेंगे। हमने विगत वर्षों में तकनीकी शिक्षा के नये-नये रोजगारपरक उन्नत इमरजिंग पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये हैं और आगे भी प्रारम्भ करने जा रहे हैं। मुझे आशा है कि सभी युवा आप अपनी मेहनत, लगन, समर्पण एवं कौशलता से अपने विभाग की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे और तकनीकी शिक्षण-प्रशिक्षण को एक नयी ऊँचाई देंगे।

निदेशक प्राविधिक शिक्षा आर.पी. गुप्ता ने तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, कार्यक्रम अध्यक्ष विधायक राजपुर खजान दास, सचिव तकनीकी शिक्षा रविनाथ रमन एवं अपर सचिव तकनीकी शिक्षा स्वाति भदौरिया का स्वागत किया। उन्होंने कहा मा0 मुख्यमंत्री जी, मा0 मंत्री जी के कुशल निर्देशन में रोजगार के नये-नये अवसर प्रदान किये गये हैं, जिसके फलस्वरूप सरकारी नौकरियों की बहार आ गयी है। दिन प्रतिदिन विभिन्न विभागों में विभिन्न श्रेणियों में अधिकारी/कर्मचारियों को नौकरियाँ प्रदान की जा रही है। उनके द्वारा अपने उद्बोधन में यह भी बताया गया कि मा0 मंत्री जी के कुुशल निर्देशन में विगत वर्षों में लगभग 5364 छात्र/छात्राओं को नौकरियों के अवसर प्रदान किये जा चुके हैं। साथ ही, इस वर्ष 01 फरवरी 2024 से 01 मार्च 2024 के मध्य मात्र 01 माह में ही 448 छात्र/छात्राओं को रोजगार दिलवाया जा चुका है। इन छात्राओं का सालाना पैकेज रू0 2.50 लाख से रू0 8.00 लाख का है, जोकि विगत वर्षों से अधिक है। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि मा0 मंत्री जी, सचिव एवं अपर सचिव तकनीकी शिक्षा द्वारा छात्रों को शत-प्रतिशत रोजगार दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसको प्राप्त करने हेतु विभाग द्वारा निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। अंत में उनके द्वारा 101 कर्मशाला अनुदेशकों एवं 01 पुस्तकालयाध्यक्ष को नियुक्ति प्राप्त करने पर बधाई दी गयी।

अपर सचिव तकनीकी शिक्षा स्वाति भदौरिया ने कहा कि पॉलीटेक्निक संस्थाओं में Hands On Training दिया जाना अति आवश्यक है, जोकि नवनियुक्त 101 कर्मशाला अनुदेशकों द्वारा पूर्ण किया जायेगा, जिससे तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता आयेगी जिसके फलस्वरूप छात्रों को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्राप्त हो सकेंगे। साथ ही, उनके द्वारा यह भी कहा गया की नवनियुक्त अनुदेशक अब विभाग में 30 से 35 वर्षों तक लगन से कार्य करेंगे तथा विभाग को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगे। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि मंत्री जी के कुशल निर्देशन में केन्द्र एवं राज्य की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पॉलीटेक्निक संस्थाओं में आधारभूत सुविधायंे उपलब्ध करायी जा रही हैं, जिसके माध्यम से Teaching Learning Process में गुणवत्ता आयेगी।

कार्यक्रम के अंत में अपर निदेशक तकनीकी शिक्षा देशराज द्वारा समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में परीक्षा नियंत्रक डॉ मुकेश पाण्डेय, सचिव उत्तराखण्ड तकनीकी शिक्षा परिषद् डॉ राजेश उपाध्याय, आलोक मिश्रा, नरेन्द्र कुमार, संयुक्त निदेशक, एस.के. वर्मा, एम.के. कनियाल, उनिदेशक, विभिन्न पॉलीटेक्निक संस्थाओं के प्रधानाचार्य, अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।