‘लाइन डिपार्टमेन्ट और सभी बैंक प्रतिनिधि समन्वय से योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को दें’

जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय समीक्षण समिति की बैठक ली

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क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। ‘लाइन डिपार्टमेन्ट और सभी बैंक प्रतिनिधि आपसी समन्वय से विभिन्न योजनाओं का लाभार्थियों को लाभ देना सुनिश्चित करें’ यह निर्देश जिलाधिकारी सी रविशंकर द्वारा सुभाष रोड स्थित होटल में जिला स्तरीय समीक्षण समिति (डी.एल.आर.सी) की बैठक में सम्बन्धित विभागीय और बैंक के अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने वार्षिक ऋण योजना, बैंक खतों की आधार सीडिंग और गरीबों के हित में महत्वाकांशी ‘विभिन्न केन्द्रीय और राज्य सहायतीत योजनाओं के अन्तर्गत वाणिज्य और सहकारी बैंकों की कृषि, एम.एस.एम.ई इत्यादि में जिन बैंको की प्रगति निम्न रही उनसे इसका कारण पूछते हुए हरहाल में कार्यों की प्रगति बढाने के निर्देश दिये। उन्होंने विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं में बैंको की कार्यप्रणाली से असंतुष्टि व्यक्त करते हुए सख्ती से हिदायत दी कि बैंक में विभिन्न योजनाओं और ऋण से सम्बन्धित आने वाले आवेदनों का शीघ्रता से निस्तारण करें और बैठक में विभिन्न कार्यों का सही डेटा लेकर उपस्थित होने के स्पष्ट निर्देश दिये। उन्होंने लाभार्थियों की पहल से जुडे विभाग और बैंको को बेहतर समन्वय स्थापित करने हेतु वाट्सएप्प गु्रप जैसे माध्यम से रूटीन सूचनाओं का आदान-प्रदान करने और बेहतर मॉनिटरिंग करने के साथ ही बीच-बीच में समीक्षा बैठक करते हुए योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति बढाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने मनरेगा के मजदूरों के सभी खातों को शत्प्रतिशत् एबीपीएस भुगतान प्रणाली के अन्तर्गत लाने हेतु ग्राम्य विकास विभाग को जरूरी समन्वय करते हुए तथा पर्यटन विभाग को होमस्टे योजना के कार्यों पर तेजी से फोकस करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सभी बैंको को हर माह की 15 तारीख के आसपास ऋण वसूली के आंकड़ो का मिलान करने, प्रत्येक शाखा पर बैंक से सम्बन्धित शिकायतों को प्राप्त करने और उस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए उसके समाधान हेतु मैकेनिज्म बनाने, बैंक ओम्बुडसमैन प्रणाली को सक्रिय करने और प्रत्येक शाखा पर लोगों की शंका और पूछताछ हेतु डेस्क कार्मिक की नियुक्ति करने के निर्देश दिये। उन्होंने लीड बैंक अधिकारी को बैंको के सभी कार्यों के प्रगति की मॉनिटिरिंग करने और आज सामने आये विभिन्न बिन्दुओं और कमजोरियों में सुधार करते हुए अगली बैठक में कार्यों की प्रगति स्पष्ट आंकड़ों सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कार्यक्रमों की प्रगति में टाइम लिमिट जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए कहा कि अगली बैठक में विभिन्न कार्यों की प्रगति में सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की हीलाहवाली नही चलेगी। बैठक में एनआरएलम योजनाओं से समूह बनाकर लाभान्वित हुई श्रीमती श्यामा चौहान ने सफलता की कहानी के तहत् अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि किस प्रकार से एनआरएलएम से प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात उन्होंने अपने और अपनी महिला समूह के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाया। उन्होंने संदेश दिया कि विभाग और बैंक तसी सहयोग करेंगे जब हम खुद आगे आकर कुछ करने की पहल करें और उन्होंने समूह बनाकर विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए एनआरएलएम और जनपद में विभिन्न प्रकार की योजनाओं के सहारे अपना स्वरोजगार करने का संदेश दिया।

मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत ने उपस्थित सभी अधिकारियों के इस धारणा से काम करने का आह्वान किया कि जीवन में हम अपने काम के द्वारा किसी गरीब और वंचित के जीवन में उजाला ला सकें ऐसे प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान स्टेशनरी, फोल्डर्स और हल्के जलपान में जहां तक सम्भव हो सके हमें महिलाओं के समूह (एस.एच.जी) के द्वारा निर्मित वस्तुओं को बढावा देना चाहिए, जिससे महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ ही स्वरोजगार अपनाने की भी लोगों को प्ररेणा मिलेगी।
अग्रणी जिला प्रबन्धक संजय भाटिया ने वार्षिक ऋण योजना 2019-20 की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए सदन को बताया कि वार्षिक लक्ष्य 3934.62 करोड़ के सापेक्ष बैंको ने 1566.63 करोड़ का लक्ष्य हासिल किया जो कि त्रैमासिक स्तर पर 199.08 प्रतिशत् उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में तिमाही में 163.33 प्रतिशत, लघु एवं मध्यम उद्योग के क्षेत्र में 236.36 प्रतिशत् एवं अन्य क्षेत्रों में 108.28 प्रतिशत् की उपलब्धि सभी बैंकों ने की। ऋण जमा अनुपात के बारे में उन्होंने बताया कि गत वर्ष जून 2018 में ऋण जमा अनुपात 36.71 प्रतिशत् था जो जून 2019 में बढकर 43.12 प्रतिशत् हो गया।
बैठक में भारतीय रिर्जव बैंक के प्रतिनिधि सिदान्त सिंह, नाबार्ड प्रतिनिधि अजय सोनी, वित्तीय सलाहकार प्रदीप आनंद, उप मण्डल प्रमुख पंजाब नेशनल बैंक पी.एस भण्डारी ने भी विभिन्न योजनाओं का समुचित लाभ दिलवाने हेतु बैंको को अपनी कार्यशैली को जनकेन्द्रित करते हुए लाभार्थियों के कार्यों को प्राथमिकता से और समय से पूर्ण करने की बात कही।