‘हल्के में न लें वायरल हिपेटाईटिस को, लक्षण पता चलते ही तुरंत कराएं उपचार’

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वर्ड हिपेटाईटिस दिवस पर विशेषज्ञों की राय

क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत राष्ट्रीय वायरल हिपेटाईटिस नियंत्रण कार्यक्रम उत्तराखण्ड द्वारा राष्ट्रीय वायरल हिपेटाईटिस दिवस मनाया गया। इस अवसर पर प्रदेष में हिपेटाईटिस रोग से बचाव, रोकथाम व नियंत्रण से सम्बन्धित जनजागरूकता के उद्देश्य से राज्य में कोविड-19 के दृष्टिगत आनलाईन गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य के विभिन्न विभागों के साथ-साथ राष्ट्रीय कार्यक्रम यथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम/हीमोग्लोबिनोपैथी, एन.सी.डी., बल्ड सैल, आई.डी.एस.पी., एड्स कंट्रोल सोसाईटी एवं एन.टी.ई.पी. के अन्तर्गत कार्यरत चिकित्सक/एपिडिमियोलाजिस्ट, टेक्निकल स्टाफ, फील्ड आफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस वर्ष विश्व हिपेटाईटिस दिवस की थीम ‘Hepatitis Can’t wait’  थी।
राज्य में वायरल हिपेटाईटिस कार्यक्रम के सम्बन्ध में डा. मयंक बडोला राज्य के प्रभारी अधिकारी ने जानकारी दी। अवगत किया कि किसी भी दिवस को मनाने के पीछे हमारा क्या उद्देश्य होना चाहिये व दिवस क्यों मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में वायरल हिपेटाईटिस की विस्तार की दर देश के अन्य राज्य के अनुपात में कम पायी गयी है जो कि अभी कम है लेकिन हमें इस रोग को हल्के में नहीं लेना चाहिये क्यों कि इसकी संक्रमण की गति समाज में जनजागरूकता की कमी से बढ सकती है। यदि किसी व्यक्ति को अपने में प्रारम्भिक लक्षण जैसे पीलिया, जी मचलाना पेट से दर्द रहना भूख कम लगना महसूस किये जाते हैं तो तुरन्त डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए ताकि समय पर रोगी की उचित जांच व उपचार प्रारम्भ किया जा सके। डा. मयंक बडोला ने आगामी वर्षों में राज्य के द्वारा आगे उठाये जाने वाले कदमों की सम्पूर्ण जानकारी साझा की। कार्यक्रम का संचालन डा. अजीत सिंह भदोरिया एसोसिएट प्रोफेसर, कम्यूनिटी एण्ड फैमिली मेडिसिन विभाग, ने संचालित किया। गोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं ने अपने अपने विषयों पर प्रकाश डाला व इस रोग से रोकथाम बचाव व नियंत्रण पर ध्यान आकर्षित किया तत्पश्चात यह भी जानकारी दी गयी कि यदि समाज में इस रोग से कोई व्यक्ति पीडित है तो उन्हें घबराना नहीं चाहिये क्यों कि यह असाध्य रोग नहीं है समय पर यदि इसका इलाज प्रारम्भ किया जाता है तो व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है ओर अपने राज्य में इसका रोग का उपचार निषुल्क उपलब्ध है।
राज्य प्रभारी अधिकारी पंजाब डा. गगनदीप सिंह ग्रोवर द्वारा पंजाब में कार्यक्रम के अनुभवों को सभी के साथ साझा किया गया। जानकारी दी कि पंजाब में हम किस प्रकार से कार्यक्रम का सुचारू संचालन हेतु क्या कदम उठाये गये हैं सहित सम्पूर्ण जानकारी दी।
गोष्ठी में डा. मयंक बडोला राज्य प्रभारी अधिकारी उŸाराखण्ड, एम्स ऋषिकेश से डा. अजीत सिंह भदोरिया, हएसोसिएट प्रोफेसर, कम्यूनिटी एण्ड फैमिली मेडिसिन विभाग, डा. रोहित गुप्ता विभागाध्यक्ष गैस्ट्रोएन्ट्रोलोजिस्ट विभाग, डा. प्रदीप अग्रवाल एसोसिएट प्रोफेसर, कम्यूनिटी एण्ड फैमिली मेडिसिन विभाग, डा. देवव्रत रॉय, विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर, कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग, दून मेडिकल कालेज, डा. गगनदीप सिंह, राज्य कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय वायरल हिपेटाईटिस नियंत्रण कार्यक्रम पंजाब, डा. मनीष रतूडी, विभागाध्यक्ष, ब्लड ट्रांसफ्यूजन एच.आई.एच.टी. जोलीग्रांट देहरादून, राज्य कार्यक्रम समन्वयक हिमांशु पैन्यूली, व टेक्निकल आफिसर अश्वनि खुगशाल उपस्थित रहे।