कृषि मंत्री की अधिकारियों को दो टूक, कहा … कागजी आंकड़ों के बजाय जमीन पर दिखाएं काम

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  • राज्य को बनाना है कीवी उत्पादन में देश में नम्बर वन : कृषि मंत्री

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून।  कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को दो टूक खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि हर बैठक में सिर्फ कागजी आंकड़े प्रस्तुत करना बंद करें। कागजों पर सुनहरे आंकड़े दिखाने के बजाए मुझे जमीन पर हो रहे काम दिखाएं। याद रखिए कि मैं एक फौजी भी हूं और आपके इन खूबसूरत दिखने वाले आंकड़ों को जिन्हें आप कागज पर प्रस्तुत कर रहे हैं उसे स्वयं जमीन पर देखुंगा। कृषि मंत्री ने कहा कि 15 दिनों के भीतर मुझे वास्तविक तथ्य और स्पष्ट रोड मैप बना कर दें। जिनका जमीनी सत्यापन करने मैं स्वयं भी जाउंगा।

आज अपने कैम्प कार्यालय में अयोजित कृषि एवं उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री विभाग की कार्यशैली और आधिकारियों के रवैये पर तल्ख रूख लिए रहे। उन्होंने कहा कि मुझे कागजों में बताया जा रहा है कि हम 34 प्रतिशत जैविक खेती कर रहे हैं, जबकि अधिकारियों ने स्वयं यह माना है कि यह आंकड़ा 20 प्रतिशत से अधिक नहीं है।

कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के किसानों को केन्द्र तथा राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देने और किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए किसानों के साथ सीधा संवाद करने हेतु सिस्टम डेवलप करें। प्रधानमंत्री, केन्द्रीय कृषि मंत्री राज्य के किसानों से सीधे संवाद करना चाहते हैं। उन्होंने निर्देषित किया कि राज्य की सभी 95 विकासखण्ड स्तर पर कॉल सेंटर विकसित करें। इस कॉल सेंटर के माध्यम से नियमित तौर पर मेरे, विभागीय सचिव, निदेशक और अन्य सक्षम अधिकारियों द्वारा ब्लॉक स्तर पर रोटेशन के आधार पर चयनित किसानों से सीधा संवाद किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों को दी जाने वाली सब्सीडी राशि अन्य राज्यों से कम है। इस संबंध में निर्देषित किया कि अन्य पड़ोसी राज्यों का अध्ययन कर सब्सीडी राशि को पुर्ननिर्धारित करें। उन्होंने मुख्यमंत्री किसान प्रोत्साहन राशि, की घोषणा करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद प्रेषित किया। कृषि मंत्री ने कहा कि हम लगभग 4 लाख किसानों को इस राशि का लाभ दिलवाएंगे जिस पर लगभग 190 करोड़ का व्यय अनुमानित है।

कृषि मंत्री ने कहा कि हमें रियलिस्टिक हो कर योजनाएं बनानी चाहिए। यह तथ्य है कि हिमांचल और कश्मीर को सेब उत्पादन में प्रतिस्पर्धा देने के स्थान पर हमें कीवी उत्पादन को फोकस करना चाहिए। कीवी प्लांटेशन में टिहरी में अच्छा काम हो रहा है। पर्वतीय जनपदों में कीवी उत्पादन कर हम न सिर्फ रोजगार के अनगिनत अवसर श्रृजित कर सकते हैं बल्कि देश की कीवी मांग को संबोधित करने में उल्लेखनीय योगदान कर सकते हैं। आज कीवी की आपूर्ती विदेशों से हो रही है। हम कीवी उत्पादन में उत्तराखण्ड को देश का शीर्ष राज्य बनाना चाहते हैं। उन्होंने सेव उत्पादक किसानों को समय से बारदाना उपलब्ध करवाने के लिए भी निर्देषित किया।
इस दौरान सचिव कृषि शैलेश बगौली, अपर सचिव राम विलास यादव, निदेशक कृषि गौरीशंकर, निदेशक उद्यान, हरजिंदर सिंह बावेजा तथा अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।