भविष्य के लिए मंथन : वर्ष 2030 तक जनसंख्या के सापेक्ष ऊर्जा की बढ़ती व दुगुनी खपत को पूरा करने के लिए नई तकनीक अपनाये जाने पर बल

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  • राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों के विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों का सालाना दो दिवसीय सम्मेलन
  • उत्तराखंड से वन मंत्री सुबोध उनियाल ने किया राज्य का प्रतिनिधित्व

क्रांति मिशन ब्यूरो

उदयपुर (राजस्थान)।  केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों के विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों का सालाना दो दिवसीय सम्मेलन दिनांक 14-15 अक्टूबर, 2022 आज उदयपुर राजस्थान में सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में उत्तराखंड राज्य का प्रतिनिधित्व वन व तकनीकी शिक्षा विभागों के काब़ीना मंत्री सुबोध उनियाल ने किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर व राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्री उपस्थित रहे।

सम्मेलन में मुख्य रूप से ऊर्जा सेक्टर में सुधार, स्मार्ट मीटरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा व भंडारण, निर्बाध विद्युत आपूर्ति के साथ उपभोक्ताओं के अधिकार व वर्ष, 2030 को लक्ष्य मानते हुए भविष्य की ऊर्जा जरूरतों पर चर्चा जैसे अनेक बिन्दु विचारणीय रहे। देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में उत्तराखंड राज्य की अग्रणी भूमिका है। इसके तहत टिहरी बांध परियोजना व मनेरी भाली क्षेत्र प्रमुख हैं। सम्मेलन में ऊर्जा सेक्टर की वर्तमान स्थिति व भविष्य की आवश्यकताओं को विशेष रूप से केन्द्रित किया गया।

केन्द्रीय मंत्री द्वारा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र में दिक्कतों के बावजूद राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने में राज्य व संघ राज्य क्षेत्रों के सहयोग की सराहना कर इसे समग्र तैयारी का हिस्सा रेखांकित किया गया। वर्ष 2030 तक जनसंख्या के सापेक्ष ऊर्जा की बढ़ती व दुगुनी खपत के लिए इसमें पूंजी निवेश के माध्यम से व्यापक सुधार, ऊर्जा प्रणाली का उन्नयन, ग्रीन हाईड्रोजन को प्रोत्साहन जैसी नई तकनीक अपनाये जाने की ज़रूरत पर बल दिया गया। इसके तहत समेकित तौर पर सभी हितधारकों से सहयोग का आह्वान किया गया। उत्तराखंड शासन में ऊर्जा विभाग के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम सम्मेलन में शामिल रहे।

उल्लेखनीय है कि वन मंत्री सुबोध उनियाल वर्ष 2019 में केवड़िया-गुजरात में आयोजित राज्य व केन्द्र शासित क्षेत्रों के ऊर्जा मंत्रीगण के सम्मेलन में भी उत्तराखंड राज्य का नेतृत्व कर चुके हैं।