Big News : मुख्यमंत्री धामी की बेहतरीन योजना … सीमांत पिथौरागढ़-चमोली-चंपावत-उत्तरकाशी इत्यादि जिलों के स्थानीय किसानों/पशुपालकों की आर्थिकी संवारने के लिए उठाया बड़ा कदम, यहां के 4 हजार से अधिक स्थानीय किसानों/पशुपालकों को होगा फायदा

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एक पंथ दो काज 

  • स्थानीय किसानों/पशुपालकों की आर्थिकी संवरेगी 
  • दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में विकास, सीमान्त क्षेत्रों में रिमाइग्रेशन को बढ़ावा देने व पलायन को रोकने में मदद मिलेगी
  • लाभ सैनिकों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री सुनिश्चित हो सकेगी
  • मुख्य सचिव ने सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए इस एमओयू को जल्द सम्पन्न करवाने के निर्देश दिए 

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सीमांत गांवों से पलायन रोकने और यहां के बाशिंदों की आय हेतु लगातार प्रयासरत रहे हैं। जब से धामी ने मुख्यमंत्री पद संभाला है, तभी से सीमांत चमोली, पिथौरागढ़, चंपावत, उत्तरकाशी आदि जिलों में ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। यहां के लिए तमाम योजनाएं बनाई गई हैं।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों के क्रम में यहां के किसानों/पशुपालकों की आर्थिकी संवारने के लिए उत्तराखंड शासन ने बड़ी योजना बनाई है। इन किसानों/पशुपालकों से भेड़, बकरियां, पाॅलट्री तथा ट्राउट मछली खरीदकर उनको आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम होने वाला है। इस संबंध में उत्तराखण्ड में स्थित सभी आईटीबीपी पोस्ट पर सीमान्त जिलों चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ के गांवों के 4 हजार से अधिक स्थानीय किसानों/पशुपालकों के माध्यम से मांस हेतु भेड़, बकरियां, पाॅलट्री तथा ट्राउट मछली की आपूर्ति के सम्बन्ध में आईटीबीपी तथा उत्तराखण्ड काॅओपरेटिव फेडरेशन के मध्य एमओयू की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इससे दो फायदे होंगे… एक तो स्थानीय किसानों/पशुपालकों की आर्थिकी संवरेगी दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में विकास, सीमान्त क्षेत्रों में रिमाइग्रेशन को बढ़ावा देने व पलायन को रोकने में मदद मिलेगी तथा दूसरा लाभ सैनिकों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री सुनिश्चित हो सकेगी।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए इस एमओयू को जल्द सम्पन्न करवाने के निर्देश दिए हैं। उक्त एमओयू को वाइब्रेट विलेज प्रोग्राम के लिए प्रभावी पहल बताते हुए सीएस रतूड़ी ने कहा कि इससे सीमान्त क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही पशुओं की स्थानीय ब्रीड व पशुधन को बढ़ावा, सीमान्त आबादी के लिए रोजगार के अवसरों को गति व वोकल फाॅर लोकल को प्रोत्साहन मिलेगा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आईटीबीपी व उत्तराखण्ड सरकार की इस पहल से राज्य में पशुधन की योजनाएं धरातल स्तर पर पहुंचेगी। बैठक में आईटीबीपी ने राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में अपने पशु चिकित्सकों की सेवाएं प्रदान करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सहमति देते हुए मुख्य सचिव ने सीएसआर फण्ड के तहत पशुओं हेतु मेडिकल मोबाइल वैन की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।

आईटीबीपी द्वारा प्रस्तावित पर्यटन क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने इस विषय पर पर्यटन विभाग के साथ बैठक के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आईटीबीपी तथा उत्तराखण्ड काॅओपरेटिव फेडरेशन के मध्य इस एमओयू से अन्य समकक्ष सैन्य संस्थाओं जैसे एसएसबी, सेना आदि के साथ भी इस क्षेत्र में कार्य करने के मार्ग खुलेंगे। इस एमओयू से सीमान्त क्षेत्रों में सप्लाई चेन को मजबूत करने, किसानों को उचित मूल्य मिलने व किसानों से सीधे आपूर्ति की व्यवस्था के साथ ही मैदानी क्षेत्रों से आईटीबीपी को पूरे वर्ष बिना बाधा के कम समय में ताजी खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

एमओयू को क्रियान्वित करने हेतु मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड काॅओपरेटिव फेडरेशन को रिवाॅल्विंग फण्ड, मार्केटिंग फण्ड तथा प्रशासनिक व्ययों पर चर्चा करते हुए इसे भविष्य में सस्टेनेबल मोड पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, डा बीवीआरसी पुरूषोत्तम, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल सहित सहकारिता, वित्त, आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे।