Big News : आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है, जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी

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क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून।  जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सोनिका ने अवगत कराया कि लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 की तिथियों की घोषणा उपरान्त समस्त निर्वाचन क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रेस वार्ता करते हुए निर्वाचन व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी मीडिया प्रतिनिधियों के साथ साझा की।

जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अधिसूचना जारी होने की तिथि 20 मार्च 2024 (बुधवार),  नाम निर्देशन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 27 मार्च 2024 (बुधवार), नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की तिथि 28 मार्च 2024 (गुरूवार), नाम वापसी की अंतिम तिथि 30 मार्च 2024 (शनिवार), मतदान की तिथि 19 अप्रैल 2024 (शुक्रवार), मतगणना की तिथि 04 जून 2024 (मंगलवार) तथा 06 जून 2024 (गुरूवार) को निर्वाचन प्रकिया सम्पन्न करा ली जाएगी। उन्होंने अवगत कराया कि  लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 (1) के तहत प्रत्येक अभ्यर्थी को नामांकन तारीख से परिणाम घोषणा की तारीख के मध्य निर्वाचन व्यय का लेखा रखना अनिवार्य होगा।

प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए निर्वाचन व्यय की अधिकतम 95 लाख निर्धारित की गयी है। लेखे के अनुरक्षण में असफलता भारतीय दंड संहिता की धारा 171-झ के अधीन निर्वाचन अपराध होगा एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77(3) के अधीन निर्धारित सीमा से अधिक व्यय करना भ्रष्ट आचरण है।
निर्धारित अवधि के मध्य लेखा दाखिल न करने की स्थिति में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 (क) के अधीन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अभ्यर्थी को अनर्ह घोषित किया जा सकता है।

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 ख के अनुसार जो कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके निर्वाचक अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से नकद या वस्तु रूप में अनुतोष देता है या लेता है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डनीय होगा।

भारतीय दण्ड संहिता 1951 की धारा 127 (क) के अधीन कोई भी व्यक्ति ऐसी कोई ऐसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर के मुख पृष्ठ पर मुद्रक का नाम व पता अंकित नही होगा, प्रकाशन नही करायेगा। जन सामान्य को सूचित किया जाता है कि आदर्श आचार संहिता के दौरान 50,000 से अधिक की धनराशि जिसका स्रोत्र स्पष्ट नही होगा तथा जिसके निर्वाचन में मतदाता को प्रलोभन दिये जाने की संभावना होगी।
धनराशि को जब्त किया जा सकता है। सभी नागरिकों से एतद्वारा अनुरोध किया जाता है कि निर्वाचन के दौरान किसी व्यक्ति द्वारा 50,000 की नकद धनराशि के परिवहन पर सभी आवश्यक दस्तावेज अपने साथ रखें।

जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ने अवगत कराया कि धारा 77 निर्वाचन व्यय का लेखा और उनकी अधिकतम मात्रा(1) निर्वाचन में हर अभ्यर्थी निर्वाचन सम्बन्धी उस सब व्यय का जो, उस तारीख के जिसको यह नामनिर्दिष्ट किया गया है और उस निर्वाचन की परिणाम की घोषणा की तारीख के, जिनके अन्तर्गत ये दोनो तारीखें आती हैं, बीच स्वयं अथवा अपने  प्राधिकृत निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा पृथक और सही लेखा रखना अनिवार्य है। धारा  171(ज) निर्वाचन के सिलसिले में अवैध संदाय- जो कोई किसी अभ्यार्थी के साधारण या विशेष लिखित प्राधिकार के बिना ऐसे अभ्यार्थी का निर्वाचन अग्रसर करने या निर्वाचन करा देने के लिए कोई सार्वजनिक सभा करने में या किसी विज्ञापन, परिपत्र या प्रकाशन पर या किसी भी अन्य ढंग से व्यय करेगा या प्राधिकृत करेगा, वह जुर्माने से, जो 500 रू0 तक का होगा, दण्डित किया जाएगा। परंतु यदि कोई व्यक्ति, जिसने प्राधिकार के बिना कोई ऐसे व्यय  किए हो, दस दिन के भीतर उस अभ्यार्थी का लिखित अनुमोदन अभिप्राप्त कर ले, तो यह समझा जाएगा कि उसने ऐसे व्यय उस अभ्यार्थी के प्राधिकार से किये हैं।

जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी ने अवगत कराया कि लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 हेतु दिनांक 01 जनवरी 2024 की अर्हता तिथि के आधार पर अंतिम  प्रकाशित फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के आधार पर सम्पादित किया जाएगा तथा सामान्य निर्वाचन में EVMs   और VVPATs  का प्रयोग किया जाएगा। आयोग द्वारा उल्लेख किया गया है कि निर्वाचन के दौरान मतदेय स्थल पर मतदाता की पहचान हेतु फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र अथवा आयोग द्वारा अनुमोदिन दस्तावेज से मतदाता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी, जिनमें आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस, पेन कार्ड, एनपीआर के तहत् आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन अभिलेख, केन्द्र/राज्य सरकार /सार्वजनिक उपक्रमों और सार्वजनिक लि0 कम्पनियों के द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों/विधायकों/एमएलसी को जारी किये गए आधिकारिक पहचान पत्र सामाजिक न्याय एवं आधिकारिक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी विशिष्ट विकलांगता फोटो पहचान पत्र (यूडीआईडी)।