अपनत्व का एहसास … शहीद के परिवार से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, शोक संतप्त परिजनों के बीच दरी में बैठ गए सीएम, मुख्यमंत्री के सरल व्यवहार से परिवार को हुआ अपनत्व का एहसास, सीएम ने हर संभव मदद का भरोसा दिया

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  • गैरसैंण के सारकोट गांव में शहीद के घर पहुंचे मुख्यमंत्री, लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हवलदार बसुदेव सिंह के परिजनों से मिलकर व्यक्त की शोक-संवेदना

क्रांति मिशन ब्यूरो 

गैरसैंण। शहीद के परिवार से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, शोक संतप्त परिजनों के बीच दरी में बैठ गए सीएम, हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। सीएम के सरल व्यवहार को देखकर शहीद के परिजनों को अपनत्व का एहसास हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को गैरसैंण स्थित सारकोट में लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हवलदार बसुदेव सिंह के पैतृक आवास पहुंचकर उनके परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हवलदार बसुदेव सिंह ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसके लिये पूरा देश उनका ऋणी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शहीद के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने शहीद हवलदार के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

शहीद के घर परिजनों से मिलने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी पहुंचे, परिजनों को बंधाया ढांढस, हरसंभव मदद का दिया भरोसा

गैरसैंण। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को भराड़ीसैंण से गैरसैंण के सारकोट गांव पहुंचे, जहां सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने जम्मू कश्मीर के लेह में सैन्य युद्धाभ्यास के दौरान शहीद जवान बसुदेव सिंह परोडा के पैतृक आवास पहुंचकर शहीद के परिवारजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया शोक संवेदना व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने परिवारजनों को केंद्र एवं राज्य सरकार की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भराडीसैण विधानसभा से सारकोट गाँव को जाने वाली सड़क का नाम शहीद बसुदेव सिंह के नाम पर रखने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया। साथ ही शहीद की पत्नी को भी सरकारी नौकरी देने की भी बात कही। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा क्षेत्रीय समस्याओं के संबंध में मंत्री गणेश जोशी को ज्ञापन भी सौंपा।

गौरतलब है, कि 30 साल के हवलदार बसुदेव सिंह 16 अगस्त को लद्दाख क्षेत्र में सैन्य युद्धाभ्यास के दौरान शहीद हो गए थे। एक महत्वपूर्ण एक्सरसाइज क्लोजिंग के दौरान हुए धमाके से गिरे शेल्टर की चपेट में आने से शहीद हुए बसुदेव सिंह चमोली में गैरसैंण के सारकोट गांव के रहने वाले थे। बसुदेव सिंह साल 2010 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। वो इन दिनों लेह में इंडियन आर्मी की बंगाल इंजीनियरिंग की 55 रेजिमेंट में तैनात थे। इस अवसर पर शहीद की माता महेश्वरी देवी, भाई जगदीश, सतीश, बहन वैसाखी देवी सहित अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।