- धामी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाइयों ने आम जनता में विश्वास भी पैदा किया कि “सिस्टम बदल सकता है”
क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के लिए राज्य में कोई जगह नहीं है। जैसे ही सोशल मीडिया पर #DhamiStrikesOnCorruption ट्रेंड करने लगा, लाखों लोगों ने इस अभियान को अपना समर्थन दिया और मुख्यमंत्री की कार्यशैली की खुलकर सराहना की।
पेयजल निगम हल्द्वानी के अधीक्षण अभियंता निलंबित, 200 से ज़्यादा जेल भेजे गए
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री धामी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आज एक बड़ा कदम उठाया गया — पेयजल निगम हल्द्वानी के अधीक्षण अभियंता को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया। यह केवल एक isolated केस नहीं है। अब तक मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों और असामाजिक तत्वों को जेल भेजा जा चुका है।
यह एक अभूतपूर्व आंकड़ा है जो बताता है कि सरकार सिर्फ फाइलों में नहीं, ज़मीन पर कार्रवाई कर रही है।
ऑपरेशन कालनेमि : ढोंगियों पर सीधा प्रहार
इससे पहले ऑपरेशन कालनेमि के तहत धार्मिक चोगे की आड़ में ठगी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की गई थी। इस अभियान ने न सिर्फ राज्य भर में संदेश दिया कि अब कानून से बचना आसान नहीं, बल्कि आम जनता में विश्वास भी पैदा किया कि “सिस्टम बदल सकता है”।
सोशल मीडिया पर जनता का समर्थन
ट्विटर (अब X) पर #DhamiStrikesOnCorruption हैशटैग के तहत हजारों यूज़र्स ने मुख्यमंत्री के निर्णयों का समर्थन किया। कुछ यूज़र्स ने लिखा:
“200 से ज़्यादा भ्रष्टाचारियों को जेल भेजकर मुख्यमंत्री धामी ने कर दिया साफ — अब ईमानदारी से ही व्यवस्था चलेगी।”
“ऐसे ही चलता रहा तो उत्तराखंड पूरे देश के लिए उदाहरण बन जाएगा।
निष्कर्ष: एक्शन ही पहचान है
#DhamiStrikesOnCorruption केवल एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक बदलाव की दस्तक है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व ये बता रहा है कि अब सिर्फ नारे नहीं, एक्शन का ज़माना है।
भ्रष्टाचारियों की नींद उड़ चुकी है और ईमानदार व्यवस्था की सुबह नज़र आ रही है।