उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित घरेलू विद्युतीकरण के लिए सांसद त्रिवेन्द्र रावत ने संसद में उठाई आवाज

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नई दिल्ली। हरिद्वार लोकसभा सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज लोकसभा के मानसून सत्र में एक महत्वपूर्ण प्रश्न के माध्यम से उत्तराखंड के दूरदराज़ के क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित घरेलू विद्युतीकरण की वर्तमान स्थिति पर केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट किया।

सांसद रावत ने जानना चाहा कि क्या उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के माध्यम से घरेलू विद्युतीकरण की कोई योजना चल रही है? क्या हरिद्वार ज़िले में ऐसे घरों की पहचान हेतु कोई सर्वेक्षण हुआ है? क्या लाभार्थियों को प्रशिक्षण और सहायता उपलब्ध कराई गई है? और क्या इस योजना के लिए कोई प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र उपलब्ध है?

इस पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा एवं विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने अपने लिखित उत्तर में जानकारी दी कि प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) तथा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JGUA) के तहत देशभर में, विशेषकर जनजातीय व पीवीटीजी (PVTG) क्षेत्रों में, नई सौर ऊर्जा आधारित योजना चलाई जा रही है।

उन्होंने यह भी जानकारी साझा की कि इस योजना का उद्देश्य एक लाख गैर-विद्युतीकृत घरों में ऑफ-ग्रिड सोलर पावर सिस्टम के माध्यम से बिजली पहुँचाना है, जहाँ पारंपरिक ग्रिड कनेक्टिविटी संभव नहीं है। उत्तराखंड राज्य को इस योजना में सम्मिलित किया गया है। हरिद्वार जिले के सम्बन्ध में उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार और ज़िला प्रशासन यहाँ का सर्वेक्षण कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे उसके बाद ही चिन्हित लाभार्थियों को लाभ मिल पाएगा।

सांसद त्रिवेन्द्र रावत ने जानकारी साझा करने हेतु केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाईक का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि ऊर्जा से वंचित हर परिवार को रोशनी देने का अभियान है। ब्यूरो