देहरादून। उत्तरांचल उत्थान परिषद की ओर से उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती की पूर्व संध्या पर “उत्तराखण्ड अतीत, वर्तमान व भविष्य” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। देहरादून के ‘अलकनंदा इनक्लेव’ जोगीवाला रिंग रोड स्थित उत्थान परिषद के सेवा निकेतन सभागार में आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता राजकीय महाविद्यालय कोटद्वार गढ़वाल के पूर्व प्राचार्य डा जानकी पंवार एवं संचालन उत्तरांचल उत्थान परिषद के महामंत्री राजेश थपलियाल के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम संचालक-उत्थान परिषद के महामंत्री राजेश थपलियाल ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं अन्य सभी अतिथियों का परिचय कराया गया तथा सभी अतिथियों का बैज अलंकरण, स्मृति चिन्ह भेंट एवं शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। अपने स्वागत संबोधन में उन्होंने उत्तरांचल उत्थान परिषद के राज्य के सभी 13 जनपदों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित संस्कार केन्द्रों, विभिन्न सेवा प्रकल्पों एवं कतिपय स्थानों में उत्तरांचल उत्थान परिषद के द्वारा संचालित लाइब्रेरी तथा परिषद के प्रान्तीय कार्यालय भवन ‘सेवा निकेतन’ देहरादून में प्रो राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैय्या) ई लाइब्रेरी एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गई।
मुख्य अतिथि नरेश बंसल राज्य सभा सांसद उत्तराखण्ड ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में विगत 25 वर्षों में अनेक क्षेत्रों में विकास के कार्य हुए हैं। उत्तरांचल उत्तरांचल उत्थान परिषद कार्यकारिणी एवं अन्य समस्त कार्यकर्ताओं कार्यों की सराहना की और साधुवाद दिया।
सामाजिक कार्यकत्री कमला पंत ने राज्य आंदोलन में मातृशक्ति के महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए कहा कि वर्तमान पीढ़ी को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष से प्रेरणा लेकर उत्तराखण्ड के विकास में अहम भूमिका निभाने चाहिए। कार्यक्रम में ज्योति नैनवाल एवं नीना कुकरेती एवं शशि बहुगुणा रतूड़ी ने राज्य आंदोलन के संघर्ष एवं समृद्ध उत्तराखण्ड राज्य के लिए लोगों को प्रेरित करने वाली एवं मनोरंजक तीन गढ़वाली कविताओं का पाठ किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रांत प्रचार प्रमुख राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उत्तराखण्ड संजय जी ने विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए उत्तराखण्ड राज्य के गठन एवं उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों के द्वारा किये जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने उत्तरांचल उत्थान परिषद, उत्तरांचल दैवीय आपदा पीड़ित सहायता समिति, विद्या भारती, स्वामी विवेकानंद स्वास्थ्य मिशन, विभिन्न जनपदों में छात्रावास, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निकट स्थित माधव 430 बिस्तर के विश्राम विश्राम गृह में अस्पताल में तीमारदारों के लिए₹ 30- प्रति थाली भोजन एवं ₹ 55/- प्रति बिस्तर अल्प दरों पर भोजन उपलब्ध कराने आदि सहित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की सम्पूर्ण देश में एक अलग पहचान है। यह बीरों की भूमि है। यहां के प्रत्येक व्यक्ति एवं परिवार का देश की रक्षा एवं समृद्धि में अहम निभाई है और अभी भी इस परम्परा का निर्वहन हो जरा है। लोगों को इस पहचान को अपनी सभ्यता, संस्कृति, अपने देवी देवताओं संबंधी सामाजिक क्षेत्र में किये गये प्रयासों अपने विचार रखे।







