उत्तराखंड : रामनगर पुछड़ी बस्ती, रिजर्व फॉरेस्ट में बना दी बड़ी मस्जिद … धामी सरकार के बुलडोजर ने नोटिस देकर की ध्वस्त

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क्रांति मिशन ब्यूरो

रामनगर। नैनीताल जिले में रामनगर कोसी नदी किनारे रिजर्व फॉरेस्ट की जमीन कब्जा कर बड़ी मस्जिद बना डाली। तीन दिन पहले हुई धामी सरकार की कारवाई में उक्त मस्जिद को भी ध्वस्त कर दिया। वन विभाग ने इससे पूर्व उक्त धार्मिक संरचना को हटाए जाने का नोटिस जारी किया था।
कोसी नदी किनारे रिजर्व फॉरेस्ट की जमीन को कब्जाने और वहां पुछड़ी बस्ती बनाने में ताहिर मुला, सलीम पत्रकार, अंकल,बाबू, और इनके राजनीतिज्ञ आकाओं के नाम सामने आए और वीडियो भी वायरल हुए, प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वयं अवैध कब्जा करने वालों से बाते करते हुए वीडियो रिकार्डिंग की जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे और कितने पैसों में हमने किस किस से जमीन खरीदी।

वन विभाग ने पुछड़ी बस्ती में करीब 64 एकड़ भूमि पहले चरण में खाली करवाई है जबकि अगले चरण में लगभग 100 एकड़ वन भूमि खाली करवाई जानी है।

धामी सरकार ने कारवाई के दौरान ये भी पाया कि झोपड़ियों में रहने वाले लोगों ने कैसे हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की और इसका खर्च कौन कौन उठा रहा था ? वेस्टर्न सर्कल के मुख्य वन संरक्षक डॉ साकेत बडोला ने बताया कि वन विभाग हाई कोर्ट में इन अवैध कब्जेदारों के खिलाफ विधिक कार्रवाई में भी तेजी लाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक कर चुका है।

दरअसल यहां घुसपैठियों को बाहरी राज्यों से लाकर उन्हें बसाने उनसे पैसा लेकर सरकारी जमीन पर कब्जा कराने का षडयंत्र यहां पिछले कुछ सालों से लगातार चल रहा था।
इस मामले की धामी सरकार ने एसआईटी जांच भी करवाई थी।

सरकार का ये मानना भी है कि यहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को कब्जे करवाए गए और अब यहां डेमोग्राफी चेंज की समस्या ने सिर उठा लिया।

कोसी नदी किनारे रिजर्व फॉरेस्ट की भूमि पर कब्जा कर योजनाबद्ध तरीके से छोटा मंदिर, मजारे, मदरसे और एक बड़ी मस्जिद भी बना दी गई। सात दिसंबर की सुबह भारी फोर्स लेकर वन विभाग ने पहले चरण की कारवाई करते हुए उक्त धार्मिक संरचनाएं भी साफ कर दी।

जानकारी के मुताबिक दो हजार वर्ग फुट से अधिक सरकारी वन आरक्षित भूमि पर अवैध रूप से बड़ी मस्जिद बना दी गई जिसे भी ध्वस्त कर दिया गया।

डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि वन विभाग के आरक्षित क्षेत्र की भूमि को खाली करवाया जा रहा है। किसी भी प्रकार का कोई अतिक्रमण वन आरक्षित क्षेत्र में नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने नोटिस जारी किए है कि अतिक्रमण करने वाले स्वयं ही अवैध कब्जा छोड़ दे अन्यथा वन विभाग और प्रशासन ये कारवाई अवश्य करेगा।
वन विभाग ने फिलहाल मुक्त करवाई गई आरक्षित वन भूमि को तारबाड़ से सुरक्षित करने का काम शुरू करवा दिया है।