उत्तराखंड के हरिद्वार सुल्तानपुर मस्जिद निर्माण मामला … न फायर विभाग की अनापत्ति न आईआईटी विशेषज्ञों की अनापत्ति, शासन प्रशासन भी हैरान … कैसे बनती गई मस्जिद की ऊंची मीनार? … सीएम धामी हुए बेहद खफ़ा

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क्रांति मिशन ब्यूरो

हरिद्वार। जिले के सुल्तानपुर कस्बे में बन रही मस्जिद को लेकर जिला प्रशासन को अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है। सनातन जिले हरिद्वार में इतनी बड़ी मस्जिद और उसके ऊपर बनी इतनी ऊंची मीनार आखिर कैसे बन गई ? बिना अनुमति बन रही उक्त मस्जिद के लिए कायदे कानून ताक में कैसे रख दिए गए ?

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार यहां पहले पुरानी मस्जिद थी लेकिन उसे तोड़ कर भी नया बनाया जा रहा है। निजी भूमि पर बनाई जा रही इतनी विशालकाय मस्जिद और उसपर 250 फिट ऊंची मीनारें बनाए जाने के लिए किसी तरह की अनुमति अथवा नक्शा पास नहीं करवाया गया है। प्रशासनिक व्यवस्था के अनुसार यदि धार्मिक निर्माण स्थल प्राधिकरण की परिधि से बाहर का है तो वहां नगर पंचायत,जिला पंचायत से नक्शा पास कराने का प्रावधान है।

उत्तराखंड सरकार का शासनादेश ये कहता है कि यदि किसी भवन की ऊंचाई मैदानी क्षेत्र में सौ फुट से अधिक है तो उसे शासन से ही अनुमति दी जा सकती है, शासन को अनुमति देने से पहले भवन ऊंचाई और सुरक्षा के मानकों लिए आई आई टी के भवन संरचना विशेषज्ञों की रिपोर्ट चाहिए होती है। भवन में पार्किंग, जल भंडारण, के लिए एन ओ सी, लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के साथ साथ पुलिस फायर विभाग की एन ओ सी की भी जरूरत होती है।

ऐसी जानकारी मिली है कि उक्त निर्माणाधीन मस्जिद के लिए उपरोक्त किसी भी विभाग की अनुमति नहीं ली गई है। ढाई सौ फुट ऊंची मीनार को हवाई क्षेत्र में उड़ानों के लिए भी खतरा माना जाता रहा है।

हरिद्वार के सुल्तानपुर नगर पंचायत की छोटी से आबादी के बीच। बनी इतनी विशाल मस्जिद को सोशल मीडिया में उत्तराखंड की सबसे बड़ी मस्जिद बनाए जाने का दावा मुस्लिम समुदाय द्वारा किया जा रहा है।

बड़ा सवाल ये है कि हरिद्वार जिले को सनातन की दृष्टि से पूरे विश्व में अहम स्थल माना जाता है ऐसे में इसके निर्माण को लेकर अखाड़ों संत समाज में नाराजगी भी है और चिंता भी है। ये चिंताएं संत समाज द्वारा सीएम पुष्कर सिंह धामी तक पहुंचाई गई है।

हरिद्वार जिले में डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है इस विषय पर भी संत समाज ने चिंता जाहिर की हुईं है, संत समाज ने उक्त मस्जिद के निर्माण को लेकर भी ध्यान आकृष्ट किया है जिसके बाद से जिला प्रशासन हरकत में आया है।

चर्चा है कि उक्त मस्जिद के निर्माण में स्थानीय मुस्लिमों से ज्यादा बाहरी राज्यों के मुस्लिमों की भूमिका है, इतनी विशालकाय धार्मिक संरचना के लिए कहां कहां से फंडिंग हुई और उसके पीछे और क्या मकसद है ? ये भी चर्चा का विषय है।

विहिप प्रवक्ता का बयान

विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता पंकज चौहान ने कहा है कि प्रशासन हिन्दू मंदिरों के निर्माण के दौरान दलबल के साथ काम रुकवाने पहुंच जाता है, इस मस्जिद के विषय में खामोश क्यों रहा ? जबकि इसका निर्माण कई महीनों से चल रहा था। इस मस्जिद के अवैध निर्माण से संत समाज और सनातनी संगठनों में गुस्सा है। इस पर रोक लगाते हुए इसकी ध्वस्तीकरण की कारवाई की जानी चाहिए।

क्या कहते हैं हरिद्वार डीएम मयूर दीक्षित

इस मामले में डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित का कहना है कि प्रशासनिक जांच पड़ताल की जा रही है,भवन निर्माण के मानकों का पालन कराया जाएगा।उन्होंने बताया कि फिलहाल निर्माण कार्य रुकवा दिया गया है। दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है, नियमों का पालन कराया जाएगा।

क्या कहते है सीएम पुष्कर सिंह धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी कहते है कि नियम कानून तोड़ने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। हमने जिलाधिकारी को कहा है कि गहनता से जांच पड़ताल करे, धार्मिक स्थल के निर्माण में यदि किसी ने नियम कानून में अनदेखी की है तो वो भी बख्शा नहीं जाएगा।