Big News : पिछले साढे चार वर्षों में सीएम धामी की धुआंधार कार्यशैली ने उत्तराखंड को दिलाई एक नई पहचान … दो दिनों में तीन जिलों का दौरा, रात तक जनता के बीच रहकर समाधान सुनिश्चित — उत्तराखंड को नई पहचान देने वाली नेतृत्वशैली … बिना रुके–बिना थके… उत्तराखंड की सेवा में सतत सक्रिय युवा मुख्यमंत्री धामी

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  • केवल दो दिनों में बागेश्वर, अल्मोड़ा और चमोली का व्यापक दौरा…
  • देहरादून लौटते ही गोवा अग्निकांड पर सीएम प्रमोद सावंत से की बात
  • कड़ाके की ठंड में देर रात तक जनता की समस्याएँ सुनीं
  • महिला स्वयं सहायता समूहों के 40,000 लाभार्थियों को ₹26.5 करोड़ की सहायता
  • 36,000 पात्रों के खातों में ₹70 करोड़ की DBT ट्रांसफर, शहीद मेले में श्रद्धांजलि, हजारों की उपस्थिति में वीरों को नमन
  • शीतकालीन यात्रा की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा
  • व्यापारियों से फीडबैक के साथ-साथ जलेबी संग अपनापन

क्रांति मिशन ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर साबित किया कि “नेतृत्व केवल निर्देश देने का नहीं- जनता के बीच खड़े रहने का नाम है”। कड़ाके की ठंड, कठिन पहाड़ी इलाकों और लंबी यात्राओं के बावजूद वे लगातार दो दिनों तक बागेश्वर, अल्मोड़ा और चमोली जिलों में सक्रिय रहे—जहाँ उन्होंने न केवल विकास योजनाओं की समीक्षा की, बल्कि देर रात तक आम नागरिकों की समस्याओं को मौके पर ही सुना और समाधान भी सुनिश्चित किया।

कड़ाके की ठंड में रातभर जनता के बीच—संवेदनशील नेतृत्व का परिचय

जब अधिकांश लोग अलाव और हीटर के सामने बैठे थे, तब मुख्यमंत्री धामी रात में बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र की पहाड़ियों में नागरिकों के बीच मौजूद थे। खुले मैदान में, सड़क किनारे और दुर्गम क्षेत्रों में लोगों की समस्याएँ सुनना—यह वही कार्यशैली है जिसने धामी को जनता के बेहद करीब लाया है।

दो दिनों में सड़क–हवाई मार्ग से लगातार जनसंवाद

बागेश्वर, अल्मोड़ा और चमोली में मुख्यमंत्री धामी का स्वागत ऐतिहासिक रहा। हेलीपैड से लेकर जनसभाओं के मैदान तक, हर स्थान पर हजारों लोगों की उपस्थिति ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि जनता का विश्वास पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ा है।

मुख्यमंत्री ने भी प्रोटोकॉल से आगे बढ़कर सीधे लोगों के बीच जाकर अभिवादन स्वीकार किया—यह विनम्र नेतृत्व की झलक थी।

शहीद मेले में वीरों को नमन—जनसैलाब से भरा मैदान

चमोली में आयोजित शहीद मेले में मुख्यमंत्री धामी ने वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यहाँ उमड़ी भीड़ केवल एक जनसभा नहीं, बल्कि वीरों के सम्मान और मुख्यमंत्री के प्रति जनता के विश्वास का प्रतीक थी।

देहरादून लौटते ही त्वरित निर्णय—गोवा अग्निकांड पर तुरंत कार्रवाई

दौरे से वापस लौटते ही उन्होंने गोवा में हुई अग्निकांड की घटना पर तुरंत संज्ञान लिया। उत्तराखंड के लोगों पर इसके प्रभाव की आशंका को देखते हुए उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत से फोन पर बात कर हर संभव सहायता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। यह तुरंत प्रतिक्रिया वही कार्यशैली दर्शाती है जिसने पिछले 4.5 वर्षों में उत्तराखंड की प्रशासनिक क्षमता को नई पहचान दी है।

विकास, संवाद और जनभागीदारी—धामी सरकार की तीन- मुख्य प्राथमिकता .. रातभर जनता के बीच—मौके पर समाधान

बागेश्वर में देर रात तक जनता से संवाद कर मुख्यमंत्री ने हर मुद्दे को प्राथमिकता के साथ सुना। कठिन इलाके हों या चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ—मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति हर जगह सुनिश्चित रहती है।

बैजनाथ में संगठनों से मंथन

बैजनाथ में विभिन्न सामाजिक–आर्थिक संगठनों के साथ बैठक कर उन्होंने महत्वपूर्ण सुझावों को नीतियों में सम्मिलित करने का आश्वासन दिया। “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

बच्चों से सहज संवाद

स्कूल से लौटते बच्चों से मुलाकात ने इस दौरे में आत्मीयता का मानवीय स्पर्श जोड़ा। मुख्यमंत्री ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।

तेज़ शासन—तेज़ निर्णय: प्रशासन और संगठन दोनों मोर्चों पर सक्रियता … भाजपा जिला कार्यालय में अहम बैठक

संगठन की मजबूती और सेवा–मूलक राजनीति के मूल्यों पर विस्तृत चर्चा की गई। “राष्ट्र प्रथम, संगठन द्वितीय, व्यक्ति अंतिम”—इस मंत्र को आगे बढ़ाया गया।

कलेक्ट्रेट में कड़ी समीक्षा

मुख्यमंत्री धामी ने विकास योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए—शिथिलता बर्दाश्त नहीं होगी।

खिलाड़ियों का सम्मान

राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने वाले ताइक्वांडो खिलाड़ियों को सम्मानित कर युवा प्रतिभाओं को प्रेरित किया।

प्रभात भ्रमण व विकास कार्यों का निरीक्षण

सरयू नदी तट पर प्रभात भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से विकास कार्यों का निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों से फीडबैक भी लिया।

युवा खिलाड़ियों के साथ बैडमिंटन

इंडोर स्टेडियम में युवाओं के साथ बैडमिंटन खेलकर उन्होंने खेल सुविधाओं और प्रशिक्षण की स्थितियों की प्रत्यक्ष समीक्षा की।

बागनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना- सनातन के प्रहरी

प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा-अर्चना की।

कपकोट में व्यापारियों से संवाद, जलेबी संग अपनापन

व्यापारियों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़—व्यापार जगत—को सशक्त करने हेतु सरकार ने कर प्रणाली को सरल किया है और छोटे व्यवसायों के लिए नई संभावनाएँ खोली हैं।
वहीं स्थानीय लोगों के साथ जलेबी साझा कर उन्होंने पहाड़ी अपनापन और सहज नेतृत्व का प्रमाण दिया।

विशाल जनसभा — करोड़ों की सौगातें

कपकोट में आयोजित विशाल जनसभा में मुख्यमंत्री धामी ने कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

मुख्य घोषणाएँ:

महिला स्वयं सहायता समूहों के 40,000 लाभार्थियों को ₹26.5 करोड़ की सहायता

36,000 पात्रों को ₹70 करोड़ की DBT राशि का सीधे खातों में ट्रांसफर

स्थानीय इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कई नई परियोजनाओं की घोषणा

उत्तराखंड की वैश्विक पहचान—धामी की तेज़, संवेदनशील और निर्णायक कार्यशैली का परिणाम

पिछले 4.5 वर्षों में मुख्यमंत्री धामी की नेतृत्वशैली ने उत्तराखंड को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है— चाहे विदेशों में फंसे उत्तराखंडियों को सुरक्षित लाना हो,अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व हो, या राज्य में विकास की रफ्तार को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाना—
हर क्षेत्र में ऊर्जा, संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय क्षमता ने उत्तराखंड को देश और दुनिया में नई पहचान दिलाई है।

जनता तक पहुँचना ही धामी की पहचान

दिन हो या रात, मैदान हो या पर्वतीय क्षेत्र—मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली में जनता तक पहुँचने और उनके मुद्दों का समाधान करने की निरंतर प्रतिबद्धता स्पष्ट दिखाई देती है।
यही समर्पण उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य की सबसे मजबूत आधारशिला बन रहा है।