क्रांति मिशन ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) लगातार प्रगति कर रहा है। पिछले पांच सालों में यूजेवीएनएल ने तमाम उपलब्धियां हासिल की हैं। यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से दिए गए निर्देशों के अनुपालन में हमारे द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि यूजेवीएनएल आज लगातार प्रगति पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा तरक्की के पीछे हमारे अधिकारियों और कर्मचारियों का अथक परीश्रम भी है।
उपलब्धियां एक नजर में
– वित्त वर्ष 2024-25 में 5175.42 मि0यू0 का उत्पादन ₹ 2.51 के औसत टैरिफ पर किया गया।
– मशीन की औसत उपलब्धता 85 प्रतिशत से अधिक एवं ब्रैकडाउन 2 प्रतिशत से भी कम।
– उत्पादन क्षमता में वृद्धिः 148.5 मे0वा0 क्षमता की परियोजनायें जोड़ी गयीः-
व्यासी जल विद्युत परियोजना, 120 मे0वा0, देहरादून।
सुरिनगाड, 5 मे0वा0, पिथौरागढ।
कालीगंगा-प्, 4 मे0वा0 एवं कालीगंगा- प्प्, 4.5 मे0वा0, रूद्रप्रयाग।
मध्यमहेश्वर ल0ज0वि0 परियोजना(4.5 मे0वा0), रूद्रप्रयाग
– लखवाड एम0पी0पी0, 300 मे0वा0, देहरादूनः डायवर्जन सुरंग का कार्य पूर्ण होने वाला है। भौतिक प्रगति – 12.46ः वित्तीय प्रगति- 16.17ः
– कटापत्थर बैराज: यमुना नदी पर विकास कार्य प्रगति पर है।
– किशाऊ एम0पी0पी0, 660 मे0वा0, देहरादूनः विद्युत घटक के मूल्य को घटाकर 62.7 प्रतिशत से 13.3 प्रतिशत किया गया। नवम्बर 2025 तक डी0पी0आर0 का अद्यतनीकरण किया जाना है।
– त्यूनी-प्लासू, 72 मे0वा0, देहरादून- उत्तराखण्ड सरकार के पी0आई0बी0 द्वारा डी0पी0आर0 का अनुमोदन एवं निविदा आमंत्रित की गयी। परियोजना के निर्माण हेतु प्रथम चरण की वन स्वीकृति एवं पर्यावरणीय स्वीकृती प्राप्त कर ली गई है।
– सिरकारी भ्योल-रूपसियाबागड, 120 मे0वा0- पी0आई0बी0 द्वारा डी0पी0आर0 स्वीकृत एवं जानपदीय एवं हाइड्रो मकैनिकल कार्यों हेतु निविदायें आमंत्रित की गयी हैं। परियोजना के निर्माण हेतु प्रथम चरण की वन स्वीकृति एवं पर्यावरणीय स्वीकृती प्राप्त कर ली गई है।
– लघु जल विद्युत परियोजायेंः 03 परियोजनाओं का विकास (कुल क्षमता 39 मे0वा0) प्रगति पर।
– पुरानी परियोजनाओं (जिनके द्वारा 35 वर्ष का उपयोगी जीवन पूरा कर लिया है) के नवीनीकरण, आधुनिकीकरण और उच्चीकरण (आर0एम0यू0) के कार्य- जीवन काल में वृद्धि एवं विद्युत उत्पादकता में 15 प्रतिशत की वृद्धिः तिलोथ जल विद्युत परियोजना, 90 मे0वा0, उत्तरकाशी एवं ढालीपुर जल विद्युत परियोजना, 51 मे0वा0, देहरादून के आर0एम0यू0 कार्य पूर्ण।
– सौर ऊर्जा परियोजना: परिचालितः 45.175 मे0वा0 एवं निर्माणाधीन: 27.75 मे0वा0
– सतत लाभ प्राप्ति एवं उत्तराखण्ड सरकार को लाभांश का भुगतान-वित्तीय वर्ष 2024-25 में रू0 10 करोड प्रदान किया गया एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 में रू0 11.04 करोड़ दिया जा रहा है।
– एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (आई0 टी0 आॅटोमेशन) कागज मुक्त एवं संपर्क रहित कार्य किया जा रहा है।
– वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इनवेस्टर समिट के दौरान विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में विभिन्न विकासकर्ताओं के साथ रू0 1,00,000 करोड़ के निवेश हेतु समझौता पत्र हस्ताक्षरित किये गये, जिसमें से रू0 38,663 करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउंडिंग की जा चुकी है एवं रू0 4841 करोड़ की प्रक्रिया चल रही है।
विद्युत उत्पादन बढाने के प्रयासः-
जल विद्युत परियोजनाओं के टैरिफ को कम करने के लिए, सी0पी0एस0यू0 को छूट सम्बन्धी प्रावधान अधिसूचित।
टी0एच0डी0सी0 के साथ संयुक्त उद्यम गठित एवं उपक्रम को 03 जल विद्युत परियोजनायें एवं 02 पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आवंटित।
स्थानीय क्षेत्र विकास निधि नीति अधिसूचित।
कुल 121 मे0वा0 की 06 लघु जल विद्युत परियोजनाएं आवंटित एवं कुल 165 मे0वा0 की 14 लघु जल विद्युत परियोजनाओं के आवंटन हेतु अनुमोदन प्रक्रियाधीन।
– नवीन तकनीकियाॅ
पंप स्टोरेज परियोजनायेंः- 5 पंप स्टोरेज परियोजनाये (पीएसपी) कुल क्षमता 2650 मे0वा0 का उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आवंटन। लखवाड-व्यासी, व्यासी कटापत्थर तथा इच्छाड़ी परियोजनाओं की डी0पी0आर0 तैयार की जा रही है।
बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम ;ठम्ैैद्धः- उत्तराखण्ड में ढ़करानी, तिलोथ एवं खटीमा पावरहाउसों के समीप कुल 60 मे0वा0 (150डॅी) की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम ;ठम्ैैद्ध की स्थापना हेतु निविदा आमंत्रित की गयी हैं।
भूगर्भीय ऊर्जा (जियोथर्मल ):- भूगर्भीय ऊर्जा को बढ़ावा देने एवं विकास हेतु उत्तराखण्ड सरकार एवं वर्किस (टमतापे) कंसल्टिंग इंजीनियर्स, आईसलैंड के बीच एम0ओ0यू0 जनवरी 2025 में हस्ताक्षरित हुआ। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि तपोवन क्षेत्र में बोरवेल व्यवसायिक रूप से व्यवहार्य है। उत्तराखण्ड सरकार की नीति अनुमोदनाधीन है।
हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन (एचकेटी):-आई0आई0टी0 रूडकी के साथ सहयोग से मौजूदा नहरों में हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन (एचकेटी) के विकास/कार्यान्वयन किया जा रहा है।
ग्रीन हाइड्रोजन:- एक पायलट ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट (1 मे0वा0), हरिद्वार में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
– पुरस्कारः-
वाटर डाइजस्ट वल्र्ड वाटर अवाॅर्ड वर्ष 2024-25 के अन्तर्गत बांध सुरक्षा में संस्थागत पहल के लिये उत्कृष्टता पुरस्कार मार्च 2025 में।
सी0बी0आई0पी0 द्वारा यूजेवीएन लिमिटेड की तिलोथ परियोजना को ‘‘बेस्ट परफार्मिंग हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट अवाॅर्ड 2024’’ मार्च 2025 में।
जल विद्युत परियोजनाओं के विकास में उत्कृष्ट कार्य के लिये ई0टी0 इंस्पाइरिंग लीडर्स अवाॅर्ड टाइम्स ग्रुप द्वारा दिसम्बर 2025 में।
पेशेवर उत्कृष्टता व्यक्ति की श्रेणी के तहत एक्वा फाउंडेशन डैम सेफ्टी अवाॅर्ड 2024 नवम्बर 2024 में दिया गया।
ई0एल0ई0टी0एस0 के छठे राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन में ऊर्जा नीति विकास में उत्कृष्टता की श्रेणी में अवाॅर्ड फरवरी 2024 में।
माननीय ऊर्जा मंत्री, भारत सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला जल विद्युत पावर हाउस का अवाॅर्ड मनेरी भाली-।। को 2023 में।
इंस्टीट्यूट आॅफ इंजीनियर्स (इंडिया) उत्तराखण्ड द्वारा ’’इमीनेंट एंजीनियर्स अवाॅर्ड 2022’’।
इंटरनेश्नल गुडविल सोसाइटी आॅफ इंडिया द्वारा वर्ष 2022 में ’’उत्तराखण्ड रतन श्री अवाॅर्ड 2022’’।







